Rishabh Pant Biography in Hindi | ऋषभ पंत का जीवन परिचय

जीवन में अगर हम ठान लें तो वो सभी मुकाम हासिल कर सकते हैं जिसकी हमें चाह हैं। आपकी मेहनत और लगन ही आपकी सफलता का कारण बनती हैं और ऐसे ही कर दिखाया हैं हमारे भारतीय टीम के युवा खिलाड़ी ऋषभ पंत ने इन्होने अपनी मेहनत और लगन से ही आज भारतीय टीम के एक युवा खिलाड़ी बने हैं। ये भले ही उत्तराखंड से ताल्लुक रखते हैं मगर इन्होने अपने कैरियर की पारी शुरू की थी घरेलू क्रिकेट दिल्ली से इन्होने दिल्ली में ही एक गुरुद्वारे में रह कर लोगों की सेवा की और क्रिकेट खेला करते थे। हम आज उन्हें खेलते देख भले ही बहुत खुश होते हैं लेकिन इसके लिए उन्होंने क्या क्या मेहनत की शायद ही कोई जानता हो। तो आज के आर्टिकल में हम आपको इसी युवा खिलाड़ी यानी कि ऋषभ पंत के बारे में बताएंगे की कैसे उन्होंने अपने क्रिकेट कैरियर की शुरुवात की और इस मुकाम पर पहुंचे हैं। तो चलिए जानते है Rishabh Pant Biography in Hindi
ऋषभ पंत का जीवन परिचय
पूरा नाम | ऋषभ राजेन्द्र पंत |
निक नाम | पंत |
जन्म | 4 अक्टूबर सन 1997 |
उम्र | 22 साल |
जाति (Caste) | ब्राह्मण |
जन्म स्थान | हरिद्वार, उत्तराखंड भारत |
पेशा | भारतीय क्रिकेटर |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
पिता | राजेन्द्र पंत |
बल्लेबाजी करने का तरीका | लेफ्ट – हैंडेड |
कद (Height) | 5 फुट 7 इंच |
कोच / मेंटर | तारक सिन्हा |
गर्ल फ्रेंड | ईशा नेगी |
Instagram ID | instagram.com/rishabpant |
Twitter ID | https://twitter.com/RishabhPant17 |
ऋषभ पंत का जन्म और शुरूवती जीवन
ऋषभ का पूरा नाम ऋषभ राजेंद्र पंत (Rishabh pant) का जन्म 4 अक्तूबर 1997 को हरिद्वार, उत्तराखंड में हुआ था। इनके पिता का नाम राजेंद्र पंत और माता का नाम सरोज पंत हैं। इन्होंने अपनी शुरुवाती पढाई भारतीय पब्लिक स्कूल, देहरादून से की थी। स्कूल के दिनों में ही उन्हें क्रिकेट खेलने का जुनून चढ़ा और उन्होंने अपने पापा से जिद कि उन्हे आगे चल कर क्रिकेटर ही बनना हैं और वो इसके लिए दिल्ली जाना चाहते हैं। उन्होंने अपने पापा को बहुत मनाया और वो ऋषभ की ज़िद को मानने को तैयार हो गए। ऋषभ के पापा को अपने बेटे की बात पर पूरा भरोसा था और साल 2005 में वो उत्तराखण्ड से दिल्ली आने को तैयार हो गए।
दिल्ली आने के पीछे भी एक छोटी कहानी।
दिल्ली आने के पीछे भी एक छोटी सी कहानी है, जब एक बार ऋषभ राजस्थान क्रिकेट दौरे के लिए गये थे, तब उन्होंने भारत के सबसे महान कोचों में से एक “मिस्टर तारक सिन्हा”(mister Tarak Sinha) के बारे में सुना और बस फिर क्या था ऋषभ ने सिर्फ अपने कैरियर की खातिर ही अपने परिवार को दिल्ली आने के लिए तैयार किया था।
दिल्ली आने के बाद ऋषभ ने दिल्ली विश्वविद्यालय के एक कॉलेज, श्री वेंकटेस्वर कॉलेज, नई दिल्ली से अपनी बाकी की पढाई पूरी की और अपने क्रिकेट कैरियर की शुरुवात की थी।
दिल्ली में मिले कोच तारक सिन्हा
ऋषभ जब दिल्ली आये तो उन्होंने मिस्टर तारक सिन्हा को उनका कोच बनने के लिए मेहनत करनी पड़ी थी, तारक ने उनके विकेटकीपिंग की क्षमता को देखा और कोच यानी की तारक जी ऋषभ से बहुत प्रभावित हुए थे। इसलिए उन्होंने ऋषभ को विकेटकीपर के साथ साथ एक दमदार बल्लेबाज में भी बनना चाहते थे। इसकी वजह है कि आज के समय में क्रिकेट की दुनिया का समय बदल गया है और वर्तमान में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अगर चयन करवाना है, तो केवल विकेटकीपर उसे ही माना जाता है, जोकि बल्लेबाजी भी कर सकता हो, इसलिए मिस्टर तारक ने ऋषभ को प्रशिक्षित करने के लिए एडम गिलक्रिस्ट के सैकड़ों वीडियों दिखाए थे।
जब ऋषभ प्रेरित हुए एडम गिलक्रिस्ट से
ऋषभ पंत गिलक्रिस्ट से बहुत प्रेरित हुए थे। जिससे उन्होंने गिलक्रिस्ट की तरह ही खेलना शुरू भी कर दिया था।धीरे धीरे वे उन्ही की तरह लेफ्ट हैंडेड (left handed) विकेटकीपर बल्लेबाजी करने लगे थे। इससे वे गिलक्रिस्ट की तरह ही विकेटकीपर और बल्लेबाज बन गये थे। उनके कोच तारक सिन्हा ने ऋषभ को एक धमाके और दम दर विकेटकीपर बल्लेबाज बनाने के लिए सावधानी से और अच्छी तरह प्रशिक्षित किया था। ऋषभ ने कई क्लब के लिए खेला और इसके बाद उनका लाइम लाइट में आने का सफर शुरू हो गया था, और इसकी वजह थी इनके विस्फोटक बल्लेबाजी का तरीका। कुछ समय बाद उन्हें दिल्ली रणजी ट्रॉफी के लिए चयनित किया गया और यहाँ उन्होंने अपनी क्रिकेट की क्षमता दिखाई। बस इसी मैच में उन्होंने इतना बढ़िया प्रदर्शन किया कि राहुल द्रविण भी उन्हें यानी ऋषभ (Rishab Pant) को अनदेखा न कर सके और विद्रोही बिहारी भूमिहार ईशान किशन द्वारा अंडर 19 भारतीय विश्वकप में टीम के नेतृत्व के लिए ऋषभ की सिफ़ारिश भी की गई थी। इस तरह इनका शुरूआती कैरियर रहा और यही से कहा भी जा सकता हैं कि इनके कैरियर की शुरुवाती पारी भी शुरू हुई।
इन्होंने अपने प्रथम श्रेणी क्रिकेट की शुरुआत 22 अक्तूबर 2015-16 को रणजी ट्रॉफी में की थी और लिस्ट ए क्रिकेट की शुरुआत 24 दिसम्बर 2015 -16 विजय हजारे ट्रॉफी में की थी।
गुरुद्वारे में भी गुजरे है दिन
उतराखंड के हरिद्वार में रहने वाला पंत का परिवार जब उन्हें दिल्ली लेकर आया तो उनके घर वाले उनका दाखिला दिल्ली क्रिकेट की टॉप एकेडमी में कराना चाहता थे। ऋषभ को दिल्ली में ही जाके दिल्ली के एक बड़े क्रिकेट एकेडमी में खेलना था और अपने क्रिकेट कैरियर को नया आयाम देता था, इसलिए वह अपनी मां के साथ राजधानी आ गए थे। मगर उनके पास रहने की कोई जगह न होने कारण और ना ही खर्च करने को ज्यादा पैसे थे, इसलिए मोती बाग गुरुद्वारा में उनकी मां और ऋषभ रहा करते थे। बेटा जहां पिता के सपनों को पूरा करने में जी-जान से जुटा था, वहीं मां गुरुद्वारे में सेवा किया करती थी।
अपने कैरियर की शुरुवात में मचाया तहलका और सिलेक्ट हो गए आईपीएल के लिए
ऋषभ ने 48 गेंदों में शतक जड़कर मचाया तहलका था। उसी दौर में पंत ने एक अंडर-12 टूर्नामेंट में तीन शानदार शतक जड़े और प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का खिताब हासिल किया। इसके बाद जल्द ही उन्हें दिल्ली कैंट के एयरफोर्स स्कूल में दाखिला मिल गया। फिर ऋषभ ने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
अंडर-19 वर्ल्ड कप 2016 में नेपाल के खिलाफ 18 गेंदों में हाफ सेंचुरी जड़कर नया रिकॉर्ड बना दिया था। इसी टूर्नामेंट में पंत ने नामीबिया के खिलाफ शतक जड़कर टीम इंडिया को सेमीफाइनल में पहुंचने में मदद की, उसी दिन इंडियन प्रीमियर लीग में पंत को दिल्ली डेयरडेविल्स ने 1.9 करोड़ रुपए में खरीद लिया गया था।
बेहद आक्रामक अंदाज में बल्लेबाजी करने वाले ऋषभ 2016-17 क्रिकेट सत्र में झारखंड के खिलाफ 48 गेंदों में शतक जड़कर तहलका मचा दिया था। उन्होंने रणजी ट्रॉफी में महाराष्ट्र के खिलाफ तिहरा शतक भी जड़ा था। पंत ने 10 प्रथम श्रेणी मैचों की 16 पारियों में 1080 रन बनाए इसमें 4 शतक और 3 अर्धशतक शामिल हैं।
आईपीएल के जरिए बनाई अपनी एक अलग पहचान।
आईपीएल के जरिए क्रिकेट में अपनी छाप छोड़ने वाले इस खिलाड़ी की तुलना आज महेंद्र सिंह धोनी से होती है। दिल्ली डेयरडेविल्स की ओर से खेलने वाले पंत ने 24 आईपीएल मैचों में 2 बार नाबाद रहते हुए 151.21 की स्ट्राइक के साथ 564 रन बनाए हैं।
इस दौरान उन्होंने सर्वश्रेष्ठ 97 रन समेत 3 अद्र्धशतक भी जड़े हैं। मगर क्या आप जानते हैं कि इस खिलाड़ी ने अपने शुरुआती दिनों में बेहद स्ट्रगल किया है।
जब ऋषभ के पिता का हुआ देहांत
ऋषभ पंत के पिता का देहांत साल 2017 में हो गया था, जिस समय उनके पिता का देहांत हुआ था उस समय आईपीएल भी चल रहा था। इसके चलते वह उत्तराखंड अपने घर वापस चले गए थे मगर रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के खिलाफ होने वाले मैच के लिए वह 8 अप्रैल को वापस अपनी टीम से वापस से जुड़ भी गए थे, उन्होंने अपने आप को मजबूत किया और अपने सपने के साथ पिता के सपनों को भी पूरा किया है।
ऋषभ पंत की गर्लफ्रेंड
ऋषभ पंत ने कुछ समय पहले ही अपनी लेडी लव ईशा नेगी (Isha Negi)के साथ एक फोटो शेयर करके सोशल मीडिया पर सनसनी मचाई दी थी, अपको पता है पंत ने फोटो के साथ कैप्शन लिखा था कि “मैं बस तुम्हें खुश रखना चाहता हूं क्योंकि तुम ही वो कारण हो, जिससे मैं खुश हूं”। जहां तक ईशा की बात तो वो पेशे से एक उद्यमी और एक इंटीरियर डेकोर डिजाइनर है। ईशा नेगी इंस्टाग्राम पर काफी एक्टिव रहती हैं और इंस्टाग्राम पर लगभग 171 हजार फॉलोअर्स हैं, ईशा नेगी और ऋषभ पंत को एकसाथ डेटिंग करते हुए लगभग तीन साल हो चुके हैं।
निष्कर्ष
आप ने हमारे इस आर्टिकल में जाना ऋषभ पंत का जीवन परिचय ( Rishabh Pant Biography in Hindi ) अगर आप का कोई प्रश्न हो कमेंट कर के पूछ सकते है