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रक्षा बंधन क्यों मनाया जाता है और इसका इतिहास

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रक्षा बंधन क्यों मनाया जाता है? जैसा कि हम सबको मालूम है, कि रक्षाबंधन का त्यौहार आने वाला है. इस त्यौहार का नाम सुनकर सभी बहनों के चेहरे पर खुशी का माहौल दिखने लगता है. क्योंकि रक्षाबंधन भाई-बहन का ही त्यौहार होता है. जोकि बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. इस त्यौहार को किसी शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता है. भाई- बहन का रिश्ता बहुत ही ज्यादा पवित्र होता है. इतना पवित्र की इस त्यौहार को हर देश में  सम्मान मिलता है. शायद ही कोई ऐसा इंसान होगा जिसे यह नहीं पता होगा कि रक्षाबंधन का अर्थ क्या है और इसे क्यों मनाया जाता है? भाई- बहन का रिश्ता बहुत ही ज्यादा अनोखा होता है. इस भाई-बहन के रिश्ते को दुनियाभर में सम्मान दिया जाता है. वहीं भारत में भी इस रिश्ते को बहुत ही पवित्र माना जाता है. भारत जो कि पूरे विश्व में संस्कृतियों की भूमि के रूप में जाना जाता है. भारत में इस रिश्ते का सम्मान इतना ज्यादा है कि इसे भारत में एक त्योहार के रूप में मनाया जाता है. हां दोस्तों आज मैं बात कर रहा हूं रक्षा बंधन इन हिंदी की।

इस त्यौहार को बहन अपने भाई के साथ एक परंपरा के साथ निभाती है. वैसे तो रक्षाबंधन हिंदुओं का एक प्रमुख त्यौहार है  और इस त्यौहार को सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि दूसरे देशों में भी बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस त्यौहार ”Raksha Bandhan” हर साल सावन महीने के पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है जो ज्यादातर अगस्त माह में आता है.

जैसा कि हमें यह पता है कि रक्षा बंधन भारत का एक प्रमुख त्यौहार है. उसी प्रकार इस त्यौहार के विषय में हमें सभी प्रकार की जानकारी अपने पास रखनी चाहिए. आज हमने यही सोचा है क्यों ना आप सभी को रक्षा बंधन के बारे में संपूर्ण जानकारी दी जाए. इससे आप सभी को भारत के इस त्यौहार के बारे में पूरी जानकारी मिल जाएगी. साथ ही यह भी पता चल जाएगा कि रक्षाबंधन कैसे मनाया जाता है और‌ इसका इतिहास क्या है,तो चलिए शुरू करते हैं तो बने रहिए हमारे साथ इस आर्टिकल के अंत तक।

अनुक्रम

रक्षा बंधन क्या है? (What is Raksha Bandhan in Hindi)

रक्षा बंधन दो शब्दों से मिलकर बना हुआ है रक्षा और बंधन। रक्षा बंधन का शाब्दिक अर्थ है. रक्षा जिसका अर्थ है सुरक्षा और बंधन का अर्थ है डोर। यह भाई और एक बहन के बीच प्यार और सुरक्षा के पवित्र बंधन होता है। यह त्योहार प्रेम और सद्भाव का प्रतीक है। रक्षा और बंधन का संस्कृत में जो अर्थ होता है, रक्षा, यह एक ऐसा डोर या गांठ जो कि आपकी रक्षा करता है, और यहां बंधन का मतलब होता है एक ऐसा गांठ या  डोर जो आप की रक्षा करें. परंपरा के अनुसार, बहनें दीया, रोली, चावल और राखी के साथ एक थाली तैयार करती हैं। फिर ईश्वर से प्रार्थना से प्राथना करती है। और फिर अपने भाईयों को राखी बांधते हुए उनकी कल्याण की कामना करती हैं। इसके बदले में भाई अपनी बहनों के लिए कुछ वादे के साथ प्यार को स्वीकार करता है और खूब सारा प्यार और तोहफा अपनी बहन को देता है।

रक्षा बंधन कैसे मनाया जाता है?

इस त्यौहार को हर साल श्रावण महीने के  पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है. यह त्यौहार भाई-बहन के प्यार और सुरक्षा का प्रतीक माना जाता है। इस त्योहार को “श्रवणी” या “सलूनो” के रूप में भी जाना जाता है। इस त्यौहार में भाई-बहन सुबह जल्दी उठकर स्नान करके, नए कपड़े पहनते हैं, इसके बाद बहन पूजा के लिए थाली सजाती हैं और उस थाली में राखी, हल्दी, दीया और मिठाई रखती हैं. बाद इसके भाई पूजा के लिए एक विशिष्ट स्थान पर बैठता हैं। पहले घर के वांछित देवता की पूजा करते हैं फिर बहन अपने भाई को टीका लगाती है और उसके दाहिने हाथ पर भाई की सुरक्षा के लिए धागा या राखी बांधती है और उसकी लंबी उम्र की प्रार्थना करती है और भाई अपनी बहन की रक्षा करने और सुख-दुख में साथ रहने का वादा करता है। वह आत्मविश्वास देता है। इसके पश्चात भाई अपनी बहन को उपहार या उसके बदले में पैसे देता हैं। यह रस्म होने के बाद,भोजन की थाली परोसी जाती है, क्योंकि सभी त्योहारों की तरह इस त्यौहार में भी घर पर विशेष व्यंजन भी बनाए जाते हैं।

इस पर्व में घर पर शकर पारे, नमकपारे, घेवर, घुघनी जैसे व्यंजन बनाए जाते हैं, हलवा और खीर भी इस त्योहार के लोकप्रिय व्यंजन हैं. घेवर सावन माह का एक विशेष व्यंजन है जो केवल हलवाई द्वारा ही बनाई जाती है, शंकरपारे और नमकपारे घर पर बनाए जाते हैं, घुघनी को काले चने को उबालकर बनाया जाता है और फिर दही के साथ खाया जाता है। रक्षा बंधन भाई-बहन के प्यार के बंधन को मजबूत करने के लिए मनाया जाता है, लेकिन ऐसा नहीं है कि राखी न केवल बहन भाई की रक्षा के लिए , बल्कि देश की रक्षा के लिए, पर्यावरण की रक्षा के लिए भी बांधी जाती है। अब यह परम्परा भी शुरू हो गई है।

रक्षा बंधन क्यों मनाया जाता है?

रक्षा बंधन का त्यौहार भाई को उसकी बहन के प्रति उसके कर्तव्य की याद दिलाता है। इस त्यौहार को न केवल भाई-बहन मना सकते हैं, बल्कि कोई भी स्त्री और पुरुष इस त्योहार को मना सकते हैं। इस दिन सभी बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनके सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। भाई भी अपनी बहन को राखी बांधने पर उपहार देता है और उसकी रक्षा करने की कसम खाता है।

रक्षाबंधन क्यों मनाते हैं? रक्षाबंधन से संबंधित पौराणिक कथाएं

1.पौराणिक कथाएं के अनुसार विष्णु के वामनवतार के बाद भगवान को फिर से लक्ष्मी के पास जाना पड़ा, लेकिन भगवान इस वचन को देने में फंस गए और वहां बाली के रसताल में रहने लगे। दूसरी ओर माता लक्ष्मी को इस बात की चिंता सताने लगी। ऐसे में नारदजी ने लक्ष्मीजी को उपाय बताया। बाद में लक्ष्मीजी ने राजा बलि को राखी बांधकर अपना भाई बना लिया और अपने पति को अपने साथ ले आई। उस दिन श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि थी। तब से, यह रक्षा बंधन त्योहार मनाने जाने लगा है।

2. दुसरी  शास्त्रों के अनुसार मौली को बांधने से व्यक्ति पवित्र और शक्तिशाली होने का अनुभव करता है, यह मन की शांति और पवित्रता बनाए रखता है। इससे किसी व्यक्ति के मन और मस्तिष्क में बुरे विचार नहीं आते और वह गलत रास्तों पर नहीं भटकता। कई मौकों पर यह व्यक्ति को बुरे काम करने से बचाता है।

3. महाभारत में भी रक्षा बंधन पर्व का उल्लेख मिलता है। जब युधिष्ठिर ने भगवान कृष्ण से पूछा कि वे सभी समस्याओं को कैसे दूर कर सकते हैं, तो कृष्ण ने उन्हें और सेना को उनसे बचाने के लिए राखी का त्यौहार मनाने की सलाह दी।

रक्षा बंधन का इतिहास – (History of Raksha Bandhan in Hindi)

रक्षाबंधन का त्यौहार पूरे विश्व में बडे़ हर्षउल्लास के साथ मनाया जाता है परंतु क्या आपको पता है इस त्यौहार से संबंधित कई ऐसी घटनाएं है जिसका वर्णन हमें इतिहास में मिलता है।

सिखों का इतिहास

18वीं शताब्दी के दौरान, सिख खालसा सेना के अरविंद सिंह ने राखी नामक एक प्रथा की शुरुआत की, जिसके तहत सिख किसान अपनी उपज का एक छोटा हिस्सा मुस्लिम सेना को देते थे और बदले में मुस्लिम सेना ने उन पर हमला नहीं किया करती‌ है।

इंद्रदेवी की कहानी

भविष्य पुराण के अनुसार, जब राक्षस राजा बलि ने देवताओं पर हमला किया, तो देवताओं के राजा इंद्र को इस युद्ध से काफी ज्यादा नुकसान हुआ। ऐसी स्थिति इंद्र की पत्नी शची ने कभी नहीं देखी थी। फिर वह विष्णु जी के पास गई और उनसे उपाय पूछने लगी। तब विष्णु ने शची को एक धागा दिया और उसे अपने पति की कलाई पर यह धागा बांधने के लिए कहा। ऐसा करने में, राजा बलि इंद्र के हाथों हार गए। इसीलिए पुराने दिनों में युद्ध में जाने से पहले सभी पत्नियां और बहनें अपने पति और भाइयों के हाथों पर रक्षा का धागा बांधती थीं। तब से रक्षा बंधन का त्यौहार विश्व में लोकप्रिय है।

सिकंदर और राजा पुरु

एक महान ऐतिहासिक घटना के अनुसार, जब सिकंदर ने 326 ईसा पूर्व में भारत में प्रवेश किया था। 300 ईसा पूर्व में, सिकंदर की पत्नी रोशनक ने राजा पारस को राखी भेजी और उससे वादा किया कि वह सिकंदर पर घातक हमले से हमला नहीं करेगी। परंपरा के अनुसार, जब कैकेय के राजा पोरस ने युद्ध के मैदान में अपनी कलाई पर राखी बंधी हुई देखी, तो उन्होंने सिकंदर पर व्यक्तिगत रूप से हमला नहीं किया।

रानी कर्णावती और हुमायूँ

एक अन्य ऐतिहासिक कथा के अनुसार रानी कर्णावती का संबंध मुगल शासक हुमायूं से है। सन् 1535 के आसपास इस घटना में, जब चित्तौड़ की रानी को लगा कि गुजरात के सुल्तान बहादुर शाह से उसका राज्य नहीं बचाया जा सकता है, तो उसने हुमायूँ को राखी भेजी, जो पहले चित्तौड़ का दुश्मन था, और उसकी बहन ने मदद मांगी। हालांकि कई महान इतिहासकार इस बात से असहमत हैं, लेकिन कुछ लोग इस राखी कांड का हवाला देकर अतीत में हिंदू-मुस्लिम एकता की बात करते हैं।

सन् 1905 का भांग और रवींद्रनाथ टैगोर

जिस समय अंग्रेज भारत में अपनी सत्ता को बनाए रखने के लिए ‘फूट डालो और राज करो’ की नीति अपना रहे थे, उस समय रवींद्रनाथ टैगोर ने लोगों के बीच एकता के लिए रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया। वर्ष 1905 में बंगाल की एकता को देखते हुए ब्रिटिश सरकार बंगाल को विभाजित करने और हिंदुओं व मुसलमानों के बीच एक सांप्रदायिक विभाजन पैदा करने की कोशिश करती रही। उस समय रवींद्रनाथ टैगोर ने बंगाल में रक्षा बंधन का त्यौहार मनाना शुरू किया और हिंदू-मुस्लिम एकता को कायम रखते हुए पूरे देश में एकता का संदेश दिया।

2022 में रक्षाबंधन कब है,और इसका शुभ मुहूर्त क्या है?

रक्षा बंधन का त्यौहार कब है11 अगस्त 2022
रक्षा बंधन किस दिन हैरविवार
राखी बांधने का शुभ मुहूर्तसुबह 6:15 बजे से शाम 7:40 बजे तक
कुल अवधि13 घंटे 25 मिनट
रक्षा बंधन अपरान्ह मुहूर्त13:42 से 16:18 . तक
रक्षा बंधन प्रदोष मुहूर्तरात 8:08 बजे से। रात 10:18 बजे तक

रक्षा बंधन का महत्व

प्राचीन काल से ही शुरू हुआ रक्षा बंधन का त्यौहार आज पूरे विश्व में सर्व प्रचलित है। यह बंधन युद्ध में जाने वाले योद्धाओं की जीत का प्रतीक रहा है। जब भी राजा या सैनिक युद्ध करने जाते थे। उनकी पत्नियाँ, बहनें या माताएँ विजय तिलक, आरती और धागों से परिपूर्ण ढाल बाँधती थीं। जिससे योद्धाओं का आत्मविश्वास बढ़ जाता था और वे शत्रुओं पर विजय पाने में सफल रहते थे। समय के साथ रक्षाबंधन भी भाई-बहनों के त्योहार में तब्दील हो गया है। रक्षाबंधन पर्व में भाई-बहन के बीच स्नेह और प्रेम का विकास होता है। दूर की बहन अपने भाई को राखी बांधने के लिए घर आती है, इससे भी समाज में सभी लोगों के लिए प्यार की भावना पैदा होती है।

 रक्षाबंधन से प्रेरणा लेते हुए प्रकृति प्रेमी अब वृक्षों को बचाने के लिए “वृक्षा बंधन” जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से पेड़ों के महत्व और संरक्षण की ओर समाज का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। इस वर्ष भी रक्षाबंधन के पावन अवसर पर देश के विभिन्न हिस्सों में वृक्षों को बचाने के लिए वृक्ष बंधन कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।

रक्षा बंधन से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य

  • रक्षाबंधन के मौके पर लड़कियां और महिलाएं भारत की सीमा पर जवानों को राखी बांधती हैं। ताकि देश की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध जवान भी अपने को अकेला महसूस न करें।
  • रक्षाबंधन के अवसर पर, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में लोग राधा और कृष्ण की मूर्तियों को अपने पालने पर रखते हैं और झूला झूलते हैं। इसलिए, इस दिन को इन क्षेत्रों में श्रावण पूर्णिमा  को  “झूलन पूर्णिमा” के रूप में भी जाना जाता है।
  • विशेष रूप से मध्य भारत में, यह त्यौहार बहुओं द्वारा मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में मनाया जाता है। जिसके लिए स्त्रियाँ खेत से लाई गई मिट्टी में जौ या गेहूँ को पत्तों के गमलों में बोती हैं। इन क्षेत्रों में‌ इसे “काजरी पूर्णिमा” के रूप में जाना जाता है।
  • सावन पूर्णिमा के दिन केरल और महाराष्ट्र में विशेष रूप से तटीय क्षेत्रों में रहने वाले हिंदू मछली पालन करने वाले समुदायों द्वारा सागर की पूजा चावल, फूल और नारियल के साथ की जाती है। जिसे “नारली पूर्णिमा” के नाम से भी जाना जाता है।
  • देश में प्रकृति संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए रक्षा बंधन के अवसर पर वृक्ष रक्षा बंधन भी आयोजित किया जाता है।

रक्षाबंधन Quotes

कलाई पर सजा के राखी

माथे लगा दिया है चंदन,

सावन के पावन मौके पर

मेरी प्यारी बहना को हैप्पी रक्षाबंधन

बहन का प्यार किसी दुआ से कम नहीं होता,

वो चाहे दूर भी हो तो गम नहीं होता.

अक्सर रिश्ते दूरियों से फीके पड़ जाते हैं,

पर भाई-बहन का प्यार कभी कम नहीं होता

बहन का प्यार किसी दुआ से कम नहीं होता,

वो चाहे दूर भी हो तो ग़म नहीं होता,

अक्सर रिश्ते दूरियों से फीके पड़ जाते हैं

पर भाई-बहन का प्यार कभी कम नहीं होता

रक्षा बंधन की शुभकामनाएं मैसेज

चंदन का टीका, रेशम का धागा,

सावन की सुगंध, बारिश की फुहार,

भाई की उम्मीद, बहना का प्यार,

मुबारक हो आपको “रक्षाबंधन” का त्योहार!!

रक्षा-बंधन की हार्दिक शुभकामनाएं!!!

रक्षाबंधन का त्‍योहार है,

हर तरफ खुशियों की बौछार है,

बंधा एक धागे में भाई बहन का प्यार है !!

हैप्पी रक्षाबंधन !!!

रक्षा बंधन का त्यौहार कब है?

रक्षा बंधन का त्यौहार 11 अगस्त 2022 है

राखी का मार्किट कहाँ है

ऐसे तो लगभग हर दूकान में आपको राखी मिल जाएगी , चाहे वो किराना स्टोर्स हो या कपडे की दूकान हर कोई इस त्यौहार में दूकान पर राखियाँ लगाता है। सब इस माह व्यापार में लगे रहते ह। पर इन रखियो का होलसेल मार्किट जो काफी प्रसिद्द है , सारे दुकानदार छोटे या बड़े यही से होलसेल में खरीदते है। कुछ प्रमुख मार्किट है , दिल्ली सरदार मार्किट , सूरत छोटा बाजार , अहमदाबाद श्री मार्केट।

हरयाणा पंजाब जैसे उत्तर भारत में रक्षा बंधन को क्या कहते है

वैसे इस पर्व का हर राज्य में अलग अलग नाम है , लेकिन रक्षाबंधन इस त्यौहार का मूल रूप से नाम है। हरयाणा और पंजाब में इसे राखरि के नाम से मनाया जाता है और उत्तर भारत में यह त्यौहार श्रावण रक्षाबंधन से प्रसिद्ध है।

रक्षा बंधन का त्यौहार किस दिन है

रक्षा बंधन का त्यौहार रविवार के दिन है

रक्षा बंधन का त्यौहार कब मनाया जाता है

रक्षा बंधन हर साल श्रावण महीने के पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है

रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त क्या है?

रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त सुबह 6:15 बजे से शाम 7:40 बजे तक

राखी किस हाथ पर बांदी जाती है

हिन्दू धर्म में राखी दाई और बाँधी जाती है और इसे शुभ माना जाता है

राखी के दिन कोनसे भगवान की पूजा करते है

राखी के दिन हम भगवान इंद्र , वरुणा और रक्षा की पूजा करते है

राखी को कलाई में कब तक बांधनी चाहिए

राखी को आप कितने भी दिन कलाई पर रख सकते है लेकिन प्राचीन काल से मान्यता है की जन्माष्टमी तक राखी हम अपने कलाई पर रख सकते है।

भारत के अलावा और कोनसे देशो में राखी मनाई जाती है ?

भारत के अलावा राखी का त्यौहार नेपाल, मॉरिशस में बनाई जाती है।अन्य देश जैसे अमेरिका, कनाडा , ऑस्ट्रेलिया आदि जहाँ पर हिन्दू रहते है वह पर बनाया जाता है।

निष्कर्ष

दोस्तों आज के आर्टिकल में हमने आपको रक्षाबंधन से संबंधित सभी प्रकार की जानकारियां उपलब्ध करवाई है, साथ ही हमने आपको रक्षा बंधन क्यों मनाया जाता है और इसका इतिहास को बारे में संपूर्ण जानकारी दिया उम्मीद है कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा।


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sona arumugam

मेरा नाम सोना अरुमुगम है , पेशे से इंजीनियर👩‍💻 दिल से लेखक हुँ।❤✍ मेरे ब्लॉग सिर्फ शब्द नहीं हैं वो मेरे विचार हैं📖💫 मैं सुरत शहर से ताल्लुक रखती हूं ।

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