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पेन का आविष्कार किसने किया | Pen ka Avishkar kisne kiya.

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नमस्ते दोस्तों, हमारे आर्टिकल में आपका स्वागत है। हमारे इस आर्टिकल में आपको ” पेन का आविष्कार किसने किया ” की जानकारी बताएंगे।

आज के इस डिजिटल दौर में पेन का इस्तेमाल काफी कम हो गया है लेकिन पेन हमारा बचपन हमसे नहीं छीन सकता क्यूंकि अगर हम लिखने की शुरुवात करते है तो पेंसिल और पेन का ही उपयोग करते है। ।इस टेक्नोलॉजी के दौर में अगर देखा जाए तो आप एकाउंटिंग, फॉर्म्स, कागज़ पत्र सब कुछ ऑनलाइन के जरिये अपने कामो को परिपूर्ण करने लग गए है, इनका प्रकरण व्हाट्सप्प, मेसेजस ,फ़ोन , ईमेल द्वारा भेजे जाते है और इसी वजह से पेन का उपयोग उतना नहीं होता जितनी 19वि सदी में पेन का उपयोग किया जाता था।

हम कलम और पेन के जरिये ही लिखना सीखते है और यह उपकरण का इस्तेमाल आने वाले भविष्य में भी कभी कम नहीं होगा। आज भी देखा जाए तो स्कूल्ज, कॉलेजेस, ऑफिसेस, बैंक्स में पेन का इस्तेमाल होता ही है। आज भी अगर हम जॉब इंटरव्यू के लिए निकलते है तो अपने पास एक पेन जरूर रखते है, यदि हम काम पर भी निकलते है तो स्याही यानि पेन हमारे पास रखते ही है , यही नहीं एक कंपनी का मालिक भी अपने साथ पेन लेकर चलता है। भले ही हम अपने साथ कंप्यूटर हर जगह लेकर न जाए लेकिन पेन और मोबाइल फ़ोन साथ रखते ही है, क्यूंकि पेन एक छोटा सा यन्त्र है जो हमे मुसीबत के समय भी काम आ सकता है।

अनुक्रम

पुराणिक काल में हम पेन इस्तेमाल करते थे ?

प्राचीन काल में जहां कागज़ की जगह पत्तो, पत्थर का इस्तेमाल किया जाता था, वहीँ पेन की जगह पक्षियों के पंख को लेकर स्याही में मिलकर इन पत्तो में लिखा जाता था। मोर के पंख से लिखने की रीती काफी पुराणी थी जो धीरे धीरे नए आविष्कारों की वजह से मिट गई। उस समय लिखित रूपी पत्र केवल संदेसा पहुंचाने, काव्य रचना आदि के इस्तेमाल में किया जाता था। यह लिखित सारांश काफी दिनों तक चली।

पैन क्या है

पेन एक छोटा सा उपकरण है जो की लेखन हेतु पेन का आविष्कार किया गया। इस उपकरण में आपको स्याही पेन के आतंरिक भाग में मिलेगी , जोकि पेन के ऊपरी भाग से कागज़ पर लिखा जाता है। जिस तरह पुराने ज़माने में स्याही में डूबकर मोर के पंख से लिखा जाता था , बस वही तकनीक अपनाकर पेन में ही स्याही को इस्तेमाल करके इस उपकरण को बनाया गया। परिणाम स्वरुप पेन के ऊपर लगी हुई छर्रे को घुमाने के कारण अंदर की स्याही बाहर निकलती है।

पेन का फुल फॉर्म क्या है

पेन एक इंग्लिश शब्द है और इसका फुल फॉर्म है – पोएट्स एस्साइसटस नॉवेलिस्ट्स

पेन का आविष्कार किसने किया

पहले के काल में लेखन 700 ईस्वी में यानि लगभग 1300 साल पहले क्विल पक्षी के पंख से बनाया जाता था। पक्षियों में हंस और मोर के पंख से बने पेन उच्च किसम के थे, उसके बाद कौवा, बाज़, उल्लू के पंख से भी पेन का उपयोग होने लगा। इन पंखो को गर्मी में सुखाकर इसे चाकू की धार से आकार दिया जाता था। इस क्विल पेन से स्याही में डुबाकर राजा महाराजा के काल में राज्य हित द्वारा अध्यक्ष इस पेन का काफी इस्तेमाल किया करते थे।

पीढ़ी दर पीढ़ी विक्सित होते होते स्टील पॉइंट पेन का आविष्कार हुआ और इसे बनाया जॉन मिचेल ने जो बिर्मिंघम के निवासी थे। यह भी स्याही पेन थे क्विल पेन की तरह, लेकिन इन्हे स्याही में डूबने की जरुरत नहीं पड़ती। इसी पेन में स्याही भरकर लिखा जाता था इस पेन को डिप पेन भी कहा जाता था और 18वि सदी में हर कोई इस पेन का इस्तेमाल करने लग गया था

पेन के आविष्कार में कई वैज्ञानिको का योगदान है, हर व्यक्ति ने अलग अलग पेन का निर्माण किया गया, तो हम किसी एक व्यक्ति को पूरा श्रेय नहीं दे सकते।

फाउंटेन पेन का आविष्कार किसने किया

फाउंटेन पेन का अविष्कार साल 1823 में पट्रोक पोइनारु जो की रोमानिया के आविष्कारक थे, उनके द्वारा बनाया गया। यह पेन उस समय काफी चर्चित हुआ लेकिन बाद में इसमें कई खामिया निकली जैसे इसमें बार बार स्याही भरनी पड़ती थी और स्याही एक पेन के इस्तेमाल के लिए काफी मेहेंगी पड़ रही थी। यह पेनस का इस्तेमाल का उपयोग आज के दौर में हक्ताक्षर को सुधारने में की जाती है और यह पेनस ऑनलाइन पोर्टल्स में भी बिकती है

बॉल पॉइंट पेन का आविष्कार किसने किया

सबसे पहला बॉल पॉइंट पेन लगभग 80 साल पूर्व वर्ष 1888 में अमेरिकन वकील जॉन जैकब लाऊड द्वारा आविष्कार किया गया। यह वकील भी थे और लेदर का काम भी किया करते थे। उनका लेदर का खरकाना लेदर के वस्तुओं से नियमित रहती थी, ऐसे में लेदर के टुकड़ो को काटते वक़्त निशाँ बनाना पड़ता था। तब जॉन को पेंसिल और फाउंटेन पेन से निशान लगाने में काफी दिक्कत होने लगती थी, बस यही से उन्हें एक ऐसे उपकरण का अविष्कार करने का ख्याल आया जिसमे निशान आसानी से लग जाए। इसका अविष्कार करने के बाद जॉन ने बॉल पेन का साल 1888 में पेटेंट अमेरिका में दर्ज करवाया।

सियाई और बॉल बेअरिंग का उपयोग बॉल पॉइंट पेन का आविष्कार किसने किया

इसके बाद साल 1938 में अर्जेंटीना के हंगेरियन मूल के लाडिसारक जैसे ने सियाई और बॉल बेअरिंग काा उपयोग के जरिये बॉल पेन का आविष्कार किया। पेन बनाने की यूनिट खोली गई और लगभग 100 अरब से ज्यादा बॉल पेन की बिक्री की गई।

साल 1962 में पेन का विकास किया गया मार्कर पेन में और यह पेन बनाया गया जापान केअविष्कारक युकियो हौरि ने टोक्यो शहर में। मार्कर पेन को बनाया गया स्टेशनरी पेंटल कंपनी में और यह पेनस आज के दौर में काफी चर्चित और उपयोगी है। यह पेनस परमानेंट मार्कर के नाम से भी जाना जाता है और हर व्यवसाय पैकिंग के क्षेत्र में इस पेनस का महत्व है

रोलर पेन का आविष्कार किसने किया

साल 1963 में जापानी कंपनी ऑटो द्वारा रोलर पेन का आविष्कार किया गया , इस पेन में ऊपर की तरफ रबर मिलेगा जिससे आपको लिखते वक़्त आसानी होगी और आपके उँगलियों में दबाव भी न पड़े।

बॉल पेन और फाउंटेन पेन में अंतर क्या है

  • बॉल पेन में लिखा हुआ स्याही तुरंत सुख जाता है लेकिन फाउंटेन पेन से लिखी हुई स्याही को सूखने में काफी वक़्त लग जाता है।
  • बॉल पेन में स्याही रिफिल के साथ आती है जो ख़तम होने पर आप नया रिफिल खरीद सकते हो। लेकिन फाउंटेन पेन की स्याही को बार बार भरना पड़ता है और यह स्याही बहुत जल्दी ख़तम हो जाती है।
  • बॉल पेन की निभ छोटी और पतली होती है बल्कि फाउंटेन पेन की निभ काफी चौड़ी होती है।

आइये जानते है पेन के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

पेन की स्याही किन चीज़ो से बनती है

पेन की स्याही कलर पिगमेंट्स जिसे साल्वेंट में घुलकर बनाया जाता है।

पेन की नोक किस चीज़ से बानी होती है

पेन की नोक स्टेनलेस स्टील या टाइटेनियम से बनाई जाती है।

दुनिया के सबसे कीमती पेन का नाम क्या है

दुनिया का सबसे कीमती पेन टीबाल्डी फुल्गोर नॉक्टर्नुस है जिसकी कीमत लगभग 60 करोड़ है। इस पेन को इटली के कंपनी टीबाल्डी ने बनाया।

पेन की स्याही जहरीली होती है

पेन की स्याही जहरीली नहीं होती, अगर आप गलती से मुँह में ले भी ले तो आप पानी ज्यादा मात्रा में पी लीजिये।

अच्छी हस्केताक्षर लिए कोन सी निभ वाली पेन अच्छी है

अच्छे हस्केताक्षर के लिए चौड़ी निभ वाली पेन जैसे की फाउंटेन पेन अच्छी है।

आप ने क्या सिखा [ Pen ka Avishkar kisne kiya ]

हमे आशा है आपको हमारे आर्टिकल में दी गई जानकारी “पेन का आविष्कार किसने किया” पसंद आई हो । हम आशा करते है की आप हमारे साथ इसी तरह हमारे हर आर्टिकल से जुड़े रहिये। इस आर्टिकल में हमारे साथ अंत तक जुड़ने के लिए धन्यवाद्।


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sona arumugam

मेरा नाम सोना अरुमुगम है , पेशे से इंजीनियर👩‍💻 दिल से लेखक हुँ।❤✍ मेरे ब्लॉग सिर्फ शब्द नहीं हैं वो मेरे विचार हैं📖💫 मैं सुरत शहर से ताल्लुक रखती हूं ।

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