नोकिया कंपनी का मालिक कौन है ? ( nokia history in Hindi )

आज की तारीख में अगर हम स्मार्ट फोन की बात करें तो हमें सैमसंग, ओप्पो, वीवो, एमआई और एप्पल जैसी बड़ी कंपनी का ही नाम आता हैं लेकिन क्या आज से अगर हम 10 या 12 साल पहले की बात करें तो हम सब जानते हैं की नोकिया फोन की कंपनी की याद आती है, क्यों की बहुत से लोगों का तो ये पहला फ़ोन होगा उस टाइम में जिसने इसका इस्तेमाल किया होगा।आज के आर्टिकल में हम को नोकिया कंपनी से जुड़े इतीहास और उसके मालिक के बारे में बताएंगे इसके अलावा कुछ ऐसी बातें जो शायद आपने नोकिया के बारे में नही सुनी होगी।
नोकिया कंपनी का इतिहास
नोकिया का इतिहास जानने से पहले हमें कंपनी के बारे जानना चाहिए, कंपनी की स्थापना 1865 में फिनलैंड देश का शहर ताम्पेरे में हुई थी। इस कंपनी के संस्थापक का नाम फ्रेडरिक इदेस्ताम है। फ्रेडरिक इदेस्ताम ने 1865 में इस कंपनी की शुरुआत एक मोबाइल बनानेवाली कंपनी से नहीं बल्कि एक पेपर मिल के थी। नोकिया कंपनी को नोकिया ये नाम वहांकी नोकिंविरता नदी की वजह से मिला था।
आपको ये जानकर हैरानी जरूर होगी की नोकिया कंपनी का इतिहास लगभग 153 साल पुराना हैं। नोकिया रबड़ और केबल्स से जुड़ी रही। लेकिन बीच में कंपनी ने कई क्षेत्रों में भी अपना हाथ आजमाया।
साल 1982 से 1987 के बीच नोकिया का सफर में नोकिया का पहला कार फोन मोबिरा सेनाटोर आया था।
इसी बीच मोबिरा सिटिमैन 900 को पेश किया गया जो कि सुपरहिट साबित हुआ। ये फोन 500 ग्राम वज़नी था। इससे पहले कंपनी ने 10 और 5 किलो के फोन पेश किए थे। कंपनी का मोबिरा सिटिमैन 900 एक स्टेटस सिंबल फोन साबित हुआ था।
इस साल कंपनी का नाम बदला और अब नोकिया मोबीरा ओय (Nokia-Mobira Oy) नोकिया मोबाइल फोंस (phones) बन गई। ये वो साल था, जब नोकिया ने दूरसंचार के क्षेत्र में एंट्री कर चुकी थी। तो कंपनी ने फिनिश सरकार का उपक्रम टेलीफेनो में शेयर्स भी इसीखरीदें।
नोकिया कम्यूनिकेशन की शुरुआत हुई 1992 में और इसी साल कम्पनी ने अपने मोबाइल कारोबार को छोड़ कर अपना दूसरे जितने भी कारोबार थे सब बेच दिए।
कंपनी ने अपना पहला डिजिटल जीएसएम फोन Nokia 1011 मार्केट में पेश किया। चूंकि ये फोन 10 नंवबर को पेश हुआ था इसीलिए इसे नाम दिया गया नोकिया 1011, और नोकिया ने इस क्षेत्र में एक अच्छी सफलता हालिस की और मोबाइल के क्षेत्र में टॉप पर पहुंच गई थी। इसी साल एरियल के साथ Nokia 101 आया।
इसके बाद कंपनी ने Nokia 2110 का निर्माण किया। इसमें नोकिया की रिंगटोन भी गई थी।
कंपनी ने थोड़ा सा अपग्रेडशन के साथ Nokia 8110 पेश किया, 1996 में और 1997 में एक नए फीचर्स से लैस नोकिया 6110 को मार्केट में लेकर आई। इसी तरह वो नोकिया के बहुत से मोबाईल फोन्स को मार्केट में लेकर आई।
1998 में नोकिया ने भारत में आया और अपने फोंस के दम पर लोगों को अपना यानी नोकिया लवर बना दिया।इसमें दिग्गज कंपनियां मोटोरोला (Motorola) और एरिक्सन (Ericsson) को भी नोकिया ने पीछे छोड़ दिया। नोकिया इस समय दुनिया की नंबर 1 मोबाइल फोन मैन्युफैक्चरर कंपनी बन चुकी थी।
साल 2002 से 3 जी को जो भी फ़ोन था वो नोकिया ने ही बनाया इसके बाद साल 2010 तक तो नोकिया काफी मशरूर रहा।
नोकिया (Nokia) की क्यों लोकप्रियता और कब घाटी?
साल 2011 में आई गिरावट एंड्रॉयड से नोकिया कंपनी को लगातार टक्कर मिलती रही। इसका नतीजा ये हुआ कि कंपनी ने सिंबियन को छोड़ दिया लेकिन एंड्रॉयड को नहीं अपनाया। बल्कि, साल 2011 में कंपनी का पहला विंडोज़ फोन मार्केट में पेश हुआ। ये फोन कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाया। वहीं, इसी साल सैमसंग ने भी अपना गैलेक्सी एन्ड्रॉयड उतार दिया था, बस इसी के बाद लोगों ने सैमसंग को ज्यादा पसंद किया। फिर इन्ही सबके के चलते नोकिया के स्मार्टफोन के शिपमेंट में 65 फीसदी की गिरावट हुई थीं।
नोकिया की अभी की परिस्थिति (Current Condition of Nokia)
सन 2013 में माइक्रोसॉफ्ट ने एक भारतीय सत्या नडेला को CEO बनाए गए। उन्होंने कहा कि नोकिया को खरीदना माइक्रोसॉफ्ट की सबसे बड़ी भूल है, जब बाजार में पहले ही दो ऑपरेटिंग सिस्टम (operating system) हैं, तो वहाँ एमएस विंडोज (MS Windows) को जगह मिलना बहुत मुश्किल बात है। इसी के साथ उन्होंने नोकिया को एक कंपनी एचएमडी ग्लोबल (HMD Global) को बेच दिया।
एचएमडी ग्लोबल की बात करें तो, साल 2016 में नोकिया के ही पूर्व कार्यकर्ताओ ने इस कंपनी को बनाई थी। इन्होंने 10 साल तक के लिये नोकिया के फ़ोन बनाने का अधिकार अपने पास ले लिया हैं। अब एचएमडी ग्लोबल फॉक्सकॉन कंपनी से फ़ोन बनवाती हैं। मार्केटिंग में काम एचएमडी ग्लोबल करती है, लेकिन वो जो भी फ़ोन बनाएगी उस पर नोकिया का ही नाम होगा। हाल ही में खबरें थी की, कुछ ही समय मे नोकिया कंपनी के कुछ नए फ़ोन आने वाले है, जो एंड्राइड ऑपरेटिंग सिस्टम (operating system) पर आधारित होंगे।