मोबाइल का अविष्कार किसने किया और कब ?

हेल्लो दोस्तों आज की हमारी टॉपिक है मोबाइल का अविष्कार किसने किया और कब हुआ इससे जूरी सारी जानकारी आप को मिलेगी। उम्मीद है आप को हमारी लेख पसंद आएगी।
जिस मोबाइल पे हम what’s app, Facebook, Twitter चलाते है दुनिया में बैठे किसी भी व्यक्ति से हम बात कर सकते है या फिर जब हम घर पर अकेले होते है तो गेम खेल कर एंजोय कर सकते है साथ ही अगर हमारे पास बाज़ार जाने के लिए टाइम नहीं है तो घर पर बैठे ऑर्डर कर सकते है जब मोबाइल फ़ोन हमारे लिए इतना अहम है आज के समय में मोबाइल के बिना जी पाना असम्भव सा लगता है। मोबाइल का अविष्कार इंसानों द्वारा की गई सबसे उपयोगी चीजों में से एक है। मोबाइल ने ना सिर्फ दूर बैठे लोगों को संचार के माध्यम से एक दूसरे से जोड़ा है बल्कि टेक्नोलॉजी की इस दुनिया में इंसानों के लिए और भी कई ऐसे रास्ते खोल दिए हैं जिससे लोगों की जिंदगी आसान हो गई है। आज के समय में व्यक्ति मोबाइल से बातचीत करने के साथ-साथ मोबाइल का इस्तेमाल कैमरे द्वारा फोटो खींचने के लिए, Maps द्वारा किसी रास्ते को ढूंढ़ने के लिए, फोन वॉलेट द्वारा पैसों के लेन देन के लिए और मनोरंजन आदि सभी चीजों के लिए करता है। सुबह आखें खोलने से लेकर रात को नींद लगने तक लोग अपना अधिकांश समय मोबाइल पर ही बिताते हैं। ऐसे में मन में ये खयाल तो अवश्य आता होगा की आखिर मोबाइल का अविष्कार किसने किया ? अगर आप भी यही जानना चाहते हैं तो आज हम आपको इसी चीज के बारे में बताने वाले हैं।
तो चलिए अब हम जानते है मोबाइल का आविष्कार किसने किया
मोबाइल का आविष्कार किसने किया।
मोबाइल का आविष्कार 3 अप्रैल 1973 को मार्टिन कूपर (Martin Cooper) ने किया था।पहले मोबाइल के मॉडल का नाम Dyna tec था जिसे मोटरोला कम्पनी में कार्यरत मार्टिन कूपर ने बनाया था अब शायद आप को ये जान कर हैरानी होगी पहले मोबाइल जा वजन २ किलो ग्राम था जो कि घर बनाने में उपयोग की जाने वाली ईंट के बराबर है
इस मोबाइल को बनाने में लगबघ ३ हज़ार US डॉलर इतना खर्च आया था जिसकी लागत वर्तमान भारतीय रुपयों में लगभग २ लाख रुपए है।यह फोन सेलुलर नेटवर्क की तकनीक पर काम करता था। इस मोबाइल से फुल चार्ज करने के बाद लगभग 30 मिनट तक बात हो सकती थी, जबकि इसे फुल चार्ज करने में 10 घंटे का समय लगता था। इस फोन की लागत भी अत्यधिक थी। इस फोन में और भी कुछ खामियां थी जिससे की लोगों के बीच लाने से पहले लगभग एक दशक तक इस मोबाइल की खामियों को दूर करने और इसकी उत्पादन लागत को कम करने के ऊपर काम चलता रहा।
इस बीच सेलुलर नेटवर्क को भी और सशक्त बनाया गया। तत्पश्चात सन 1983 में इसे बाजार में लोगों के लिए उपलब्ध कराया गया और इस मोबाइल का नाम Motorola DynaTAC 8000X रखा गया। मार्टिन उस समय मोटोरोला कंपनी के एक शोधकर्ता और कार्यकारी थे। बता दें की मार्टिन ने इस मोबाइल फोन से पहला कॉल अपने प्रतिद्वंदी बैल लेबोरेटरी के इंजीनियर Dr. Joel S. Engel को लगाया था।सन 1983 में आये मोटोरोला DynaTAC 8000X नामक इस मोबाइल की कीमत 3995 डॉलर (आज के समय में लगभग 2.80 लाख रूपए) थी। इस मोबाइल की बैटरी लगभग 6 घंटे तक चलती थी। जबकि इसे फुल चार्ज करने पर 30 मिनट तक बात कर सकते थे। इतना ही नहीं इस फोन में 30 लोगों के contact भी स्टोर करने का option उपलब्ध था।
कौन थे मार्टिन कूपर | Who is Martin Cooper
मोबाइल के आविष्कारक की संक्षेप में बात की जाये तो बता दें की मोबाइल का आविष्कार करने वाले मार्टिन कूपर का जन्म 26 दिसंबर 1928 को शिकागो (अमेरिका) में हुआ था।
मार्टिन के माता पिता यूक्रेन देश के रहने वाले थे जो की बाद में अमेरिका रहने चले गए थे। अमेरिका में रहते हुए कूपर ने अपनी शिक्षा हासिल की जहाँ उन्होंने Illinois इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से सन 1950 में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री हासिल की। स्नातक करने के बाद अमेरका और कोरिया युद्ध के दौरान कूपर को सबमरीन अफसर की नौकरी करने पड़ी।
युद्ध खत्म होने के बाद कूपर एक बार फिर पड़ने चले गए और उन्होंने सन 1957 में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में मास्टर ऑफ़ साइंस की डिग्री भी हासिल कर ली। मास्टर डिग्री पूरी होने के बाद मार्टिन शिकागो की Teletype कारपोरेशन कंपनी में काम करने लगे। यहाँ से सन 1954 में स्तीफा देने के बाद मार्टिन ने मोटोरोला कंपनी ज्वाइन की। मोटोरोला में सीनियर डेवलपमेंट इंजीनियर रहते हुए ही कूपर ने सेलुलर नेटवर्क टेक्नोलॉजी पर काम करना शुरू किया और सन 1973 में एक टीम को लीड करते हुए मोबाइल फोन का आविष्कार किया।
भारत में मोबाइल कब आया ? | When did Mobile launched in India
जैसा की अभी बताया गया की पहला मोबाइल फोन बाजार में सन 1983 में लांच किया गया था। परन्तु बात दें की यह सिर्फ अमेरिका के बाजार में उपलब्ध था। भारत में अगर बात करें तो पहली मोबाइल सर्विस भारत में सन 1995 में शुरू की गई थी। उस समय सर्वप्रथम भारत के केंद्रीय दूरसंचार मंत्री श्री सुख राम ने 31 जुलाई 1995 को वेस्ट बंगाल के मुख्यमंत्री श्री ज्योति बासु से मोबाइल पर बात की थी। भारत में हुआ यह पहला मोबाइल कॉल दिल्ली के संचार भवन से कलकत्ता की राइटर्स बिल्डिंग पर कनेक्ट हुआ था। इस सेलुलर कॉल के बाद से ही कलकत्ता में मोबाइल सेवा का संचालन शुरू हो गया था।
भारत में उपलब्ध इस पहली मोबाइल सर्विस को Modi Telstra’s MobileNet सर्विस द्वारा उपलब्ध कराया गया था। मोदी टेल्स्ट्रा भारत के मोदी समूह और ऑस्ट्रेलियाई टेलीकॉम दिग्गज कंपनी टेल्स्ट्रा का एक जॉइंट वेंचर था। टेल्स्ट्रा कंपनी उस समय भारत में सेलुलर सेवाएं प्रदान करने के लिए लाइसेंस प्राप्त आठ कंपनियों में से एक थी।
विश्व के पहले मोबाइल फोन की कुछ विशेषताएं :
- मार्टिन कूपर द्वारा बनाये गए पहले मोबाइल फोन का वजन लगभग 2 Kg था!
- एक बार चार्ज होने के बाद उस मोबाइल से 30 मिनट तक बाते कि जा सकती थी लेकिन उसे दोबारा चार्ज करने में 10 घंटे का समय लगता था!
- उस समय उसकी कीमत लगभग 2700 अमेरिकी डॉलर (2 लाख रूपए) थी।
- 1973 में उसे 0G (Zero Generation) मोबाइल फोन कहा जाता था।
- पहले मोबाइल फोन के आविष्कार के 10 साल बाद वर्ष 1983 में मोटोरोला ने आम लोगों के लिए पहली बार मोबाइल बाजार में लाया जिसका नाम था – Motorola DynaTAC 8000X . एक बार चार्ज होने के बाद इससे 30 मिनट तक बाते हो सकती थी। इसमें 30 मोबाइल नंबर भी save किया जा सकता था और उस समय उसका मूल्य 3995 अमेरिकी डॉलर (₹ 295669) रखा गया था।
मोबाइल के रोचक एवं महत्वपूर्ण तथ्य (Facts of Mobile Phones)
- दोस्तों, आपने Nokia 1100 मोबाइल कभी न कभी तो खरीदा ही होगा लेकिन क्या आपको मालूम है, यह अभी तक के इतिहास में सबसे ज्यादा बिकने वाला मोबाइल फोन तथा electrical gadgets है। पूरी दुनिया में इसके 25 करोड़ से ज्यादा सेट बिके थे और वो भी मात्र 5 वार्षों में!
- वर्ष 1983 में जो पहला मोबाइल आम लोगों के लिए अमेरिकी बाजार में लाया गया था उस समय उसकी कीमत $4000 थी। मतलब आज के हिसाब से 296440 रूपए!
- वर्ष 2012 में Apple कंपनी ने हर दिन 3,40,000 से ज्यादा iPhones बेचे थे, जिसका अर्थ हुआ हर सेकेंड 4 iPhone बिक रहे थे! और एक वर्ष में 12 करोड़ 41 लाख से ज्यादा।
- 2010 में अमेरिकी शोधकर्ताओं ने पाया था कि मोबाइल फोन पर हमारे घर के शौचालय के फ्लश हैंडल से 18 गुना अधिक कीटाणु होते हैं तथा उसकी सीट से मोबाइल 10 गुना अधिक गंदा होता है!
- एक ऑनलाइन सर्वेक्षण कंपनी ‘App Annie’ के अनुसार भारत में हर रोज लोग 3 घंटे स्मार्टफोन पर बिताते हैं तथा स्मार्टफोन पर सबसे ज्यादा प्रयोग किये जाने वाले 5 प्रमुख एप – Whatsapp, Facebook, Facebook Messenger, True caller और SHAREit – हैं।
- विश्व का पहला मोबाइल कॉल आज से 45 साल पहले (1973) स्वयं मोबाइल फोन के आविष्कारक मार्टिन कूपर द्वारा अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर से न्यू जर्सी में स्थित Bell Labs के मुख्यालय में किया गया था।
- जापान में लगभग 90% से 95% तक मोबाइल फोन वाटरप्रूफ होते है। इसका मुख्य कारण है जापानी लोगों की आदत विशेषकर महिलाओं कि। जापानी महिलाएं अपने मोबाइल से इतनी जुड़ी हुई होती है कि शावर लेते समय भी वे अपना फोन अपने आस-पास ही रखती है। उनकी इसी आदत को देखते हुए जापान में हर मोबाइल manufacturing कंपनी को वाटरप्रूफ मोबाइल फोन तैयार करने होते हैं।
- विश्व के पहले स्मार्टफोन को आज से 23 साल पहले वर्ष 1995 में आईबीएम तथा बेल साउथ सेलुलर कंपनी द्वारा संयुक्त रूप से बनाया गया था। उसका नाम – सिमोन (Simon) रखा गया था और इसे पहली बार अमेरिके के Wireless World Conference में प्रदर्शित किया गया । यह पूरी तरह एक टच स्क्रीन फोन था, जिसकी कीमत उस समय $899 रखी गई थी। उससे आप फोन के अलावा ई-मेल तथा फैक्स कर सकते थे। उसमे नोट, कैलेंडर, कंटैक्ट बुक आदि की भी सुविधाएं थी।
- uSwitch वेबसाइट के मुताबिक ब्रिटेन में हर साल लोग लगभग 1 लाख मोबाइल टॉयलेट में और 23,000 मोबाइल फोन बाथ टब में गिरा देते हैं!
- मोबाइल फोन के आदि हो जाने वाले लोगों को एक बीमारी होती है जिसे ‘नोमोफोबिया‘ (Nomophobia) के नाम से जाना जाता है। इस बीमारी में लोगों को बाहर जाते समय घर में फोन छूटने का डर, फोन आस-पास न होने पर बेचैनी, फोन खोने का डर आदि समस्याएं होती हैं। दुनिया भर में लगभग 2 अरब लोग इस बीमारी व फोबिया से पीड़ित हैं।
- पूरी दुनिया में मोबाइल से भेजे जाने वाले 90% टेक्स्ट मैसेज मात्र 3 मिनट के अंदर पढ़ लिये जाते हैं।
- आप हर महीने कितना मोबाइल बिल भरते है? ₹1000 या ₹2000… लेकिन क्या आपको पता है दुनिया में अभी तक का सबसे अधिक मोबाइल बिल ₹1,06,65,060 है। यह बिल वर्ष 2011 में एक अमेरिकी महिला सेलिना आरोन्स का था।
- गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के मुताबिक Sonim XP3300 Force विश्व का सबसे मजबूत (toughest) मोबाइल फोन है। इसे 84 फीट ऊपर से गिराने पर भी न तो इसमें कोई खराबी आई न ही इसके कोई पार्ट्स टूटे!
- विश्व के पहले कैमरे फोन का निर्माण जापान के Sharp Corporation द्वारा नवंबर, 2000 में किया गया था। इस फोन का नाम Sharp J-SH04 था।
- पिछले वर्ष (2017) पूरी दुनिया में लगभग 153.65 करोड़ मोबाइल फोन बिके। जिसमें सबसे अधिक हिस्सेदारी सैमसंग (32.12 करोड़) तथा एप्पल (21.49 करोड़) कंपनी की रही।