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क़ुतुब मीनार की लम्बाई और कुतुब मीनार का इतिहास क्या है

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नमस्कार दोस्तों, कैसे हैं आप ? उम्मीद करता हूँ आप अच्छे ही होंगे आज के इस आर्टिकल में, मैं  आपको बताने वाला हूँ क़ुतुब मीनर के बारे में .क़ुतुब मीनार की लम्बाई कितनी है और इसका निर्माण कब और किसने किया था? यदि अपने दसवीं या बारवीं में इतिहास किताब पड़े हैं तो आप इससे जरुर परिचेत होंगे उसमे हमें यही सब पढाई जाते थे. सायद आपको याद नहीं होगा, लकिन आपको चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है बस इस आर्टिकल के अतं तक जरुर पड़े. अगर आप किस भी सरकारी एग्जाम की तियारी कर रहे हैं तो आपको इसके बारे में जरुर पता होना चाहिए, क्योंकि उसमे भी इसे सबंधित प्रश्न आते रहते हैं. तो आये शुरू करते हैं आज के टॉपिक को बिना देरी किए.

क़ुतुब मीनार की लम्बाई कितनी है

क़ुतुब मीनार भारत के राजधानी दिल्ली में स्थित है क़ुतुब मीनार की लम्बाई 72.5 मीटर  यानि की 237.86 फीट है और इसकी व्यास 14.32 मीटर है जोर ऊपर जाते-जाते इसका 2.75 मीटर  हो जाता  है. आश्चर्य की बात यह है इसमे 379 सीडियां भी बनाया गया है.

क़ुतुब मीनार का इतिहास

क़ुतुब मीनार बनाने से पहले यहाँ पर कई सारे जैनों का मंदिर हुआ करता था और आक्रमण के दोरान सारी मंदिर तबाही हो गई थी उसके बाद कुतुबुद्दीन ऐबक ने यहाँ पर क़ुतुब मीनार बानने का विचार आया. उससे इस मीनार बनने की प्रेरित अफगानिस्तान में स्थित जाम मीनर को देखर हुआ था.क़ुतुब उद्दीन ऐबक ने इस मीनार का निर्माण इसकी बेसमेंट और पहली मंजिल ही किया था तभी उसका मौत हो गई थी उसके बाद उसके उत्तरादिकारी इल्तुतमिश ने इसकी तीन माजिलें का निर्माण किया था फिर इसके बाद फिरोजशाह तुगलक ने इससे पन्चिवी मंजिल और अखिरि मंजिल का निर्माण किया था. इस मीनार को लाल बलुआ पत्थर से बनाया गया है ऐसा कहा जाता है जब इसकी पहली मंजिल का निर्माण किया गया था तब बिजली की कड़की से गिर गया था उसके बाद इसका निर्माण शुरू कर दिया फिर भूकम आय जिससे इस मीनार को काफी क्षति हो गई थी. इसको बनाने में कई दिनों को समय लगा था और इससे बानने में भी काफी मेहनती लगी है. क़ुतुब मीनार के चरो ओर भी कई सरे दरवाजें, मकान इत्यादि का निर्माण किया गया है जो आज भी उसका निशान देखने को मिल जाता है.

क़ुतुब मीनार किस शहर में स्थित है

क़ुतुब मीनार  दिल्ली शरह के महरौली क्षेत्र में  स्थित बहुत ही पॉपुलर मीनार है यह दुनिया के सबसे ऊँची मीनार कहा जाता है. इससे दिखने के लिए भारत के आलावा बाहर देशों के लोगो भी आते हैं .इस मीनार में पांच मंजिल है और हर मंजिल में बल्किन है जो दूर से काफी सुन्दर दिखाई देते है इस मीनार की भव्यता और आकर्षण चर्चे दुनिया में कोई भी इससे देखने के बाद बिना तरीप किये नहीं रह सकता है.

क़ुतुब मीनार क्यों बनाया गया है

ऐसा कहा जाता है क़ुतुब मीनार का निर्माण अफगानिस्तान में स्थित जाम की मीनर देख कर  सुल्तान क़ुतुब उद्दीन ऐबक प्रेरित हुए और उसने क़ुतुब मीनार का निर्माण करना 1193 में शुरू किया था परन्तु उसने केवल पहली मंजिल ही  बना पाया था.क़ुतुब मीनार का निर्माण  मुस्लिम शासक नमाज पुकारने के लिए निर्माण किया था

क़ुतुब मीनार का निर्माण कब हुआ था

सबसे पहले मैं आपको बता दूं इसका निर्माण किसी एक व्यक्ति या  एक शासक के दवारा  नहीं किया गया है. क़ुतुब मीनार निर्माण से पहले यहाँ पर जैन मंदिरों का निर्माण किया गया था. इतिहासकार दावारा ऐसा कहा जाता है की मोहम्मद गौरी  एक विदेशी लुटेरे थे उसने पृथिवीराज को हरा कर दिल्ली को लूटा था और वो सोमनाथ मंदिर की तरप आगे चला गया. उसेक मृत्यु पोलो खेलते समय घोड़े से गिर कर उनकी मौत हो गयी थी.गौरी मोहम्मद  का सेनापति कुतुबद्दीन ऐबक था वह दिल्ली के मुस्लिम शासक था और उसने ही विचार किया था की क़ुतुब मीनार बनाए जाये. सुल्तान क़ुतुब उद्दीन ऐबक ने 1193 में इसका इस्थापन किया था वह दिल्ली के पहले मुशिल्म शासक थे. उसने इस मीनार का निर्माण पहली मंजिल और दूसरी मंजिल का किया था बाद में  तीसरी और चोथी मंजिल मीनार का निर्माण सुल्तान शम्सुद्दीन इल्तुमिश ने किया था. फिर बाद में पांचवी मंजिल का निर्माण सुल्तान फिरोज शाह ने किया था. इसका पहली मंजिल ब्लू पथार से किया गया है और आखरी के दो मजिल मार्बल और ब्लू पत्थर से बनाया गया है.

इस मीनर में आपको कई सरे चित्र भी देखने को मिल जाता है.

क़ुतुब मीनार का नाम कैसे पड़ा

यह दुनिया के सबसे ऊँची मीनार माना जाता है जो बहुत पॉपुलर भी है क़ुतुब मीनार का नाम क्यों रखा गया है इसका कोई स्पष्ट उत्तर नहीं है. कुछ लोगों का मानना है दिल्ली के प्रथम शासक क़ुतुबउद्दीन ऐबक के नाम पर रखा गया है क्योंकि उसने ही इसके बारे में सबसे पहले विचार किया था. जबकि कुछ लोगों का मानना है मशहूर मुश्लिम सूफी संत ख्वाजा कुतुबद्दीन बखित्यार काकी के नाम पर गया है.

क़ुतुब मीनार देखने कैसे जाए

क़ुतुब मीनार देखने के लिए अलग-अलग राज्य से लोग आते हैं सिर्फ भारत के नागरिक ही नहीं विदेशी भी इसे देखने के लिए आते हैं. अगर आप जाना चाहते हैं क़ुतुब मीनार देखने और नहीं पता कैसे जाते हैं, तो मैं आपको बता दूं आप दिल्ली के मेट्रो ट्रेन से भी जा सकते हैं इसके नजदीक कुतुबमीनार मेट्रो स्टेशन है. नहीं तो आप दिल्ली से बस पकड़ कर भी जा सकते हैं यहाँ आपको सैलानी दिल्ली लोकल बस मिल जाते हैं जो महरौली जाने वाले सभी बस क़ुतुब मीनार को पार करते है इसके आलावा आप ऑटो से भी जा सकते हैं.

क़ुतुब मीनार से जुड़े सवाल और जवाब

क़ुतुब मीनार किसने बनवया था

क़ुतुब मीनार का निर्माण सबसे पहले कुतुबद्दीन ऐबक ने किया था

क़ुतुब मीनर को बानने में कितना समय लगा था

क़ुतुब मीनार का निर्माण 1193 में कुतुबद्दीन ऐबक ने शुरू किया था और फिरोजशाह तुगलक ने 1368 में पूरा किया था

क़ुतुब मीनार कितने मंजिल है

क़ुतुब मीनार के पांच मंजिल है

अंतिम शब्द

दोस्तों, आज हमने इस आर्टिकल में जाना की क़ुतुब मीनार की लम्बाई कितनी है और इसका इतिहास? अगर अपने इसके बारे में अच्छे से नहीं पड़ा है तो आप ऊपर जाकर पड़ सकते हैं क्योंकि अगर आप किसी परीक्षा की तियारी कर रहे, तो इसे भी कई प्रशन आते हैं. उम्मीद करता हूँ आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा.अगर हाँ, तो इसे अपने दोस्तों के साथ फेसबुक/WhatsApp ग्रुप में जरुर शेयर करे ऐसे ही आर्टिकल रोज पड़ने के लिए इस ब्लॉग को सब्सक्राइब करे. आप अपना कीमती वक्त इस ब्लॉग पर देने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद .


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