Festival

करवा चौथ क्यों मनाया जाता है और करवा चौथ कब है

Share Now

भारतीय महिलाओं के करवा चौथ का दिन सबसे खास और महवपूर्ण माना जाता हैं, कहा जाता जो भी सुहागिन महिलाएं इस दिन व्रत रखती हैं उनके पति की उम्र लंबी और साथ ही उनका स्वस्थ भी सही रहता है कहने का मतलब ये है कि इस व्रत को एक शादी शुदा महिला अपने पति के लिए रखती हैं ताकि उसके पति के जीवन में कोई भी बाधा न आए और वो पुरा जीवन स्वस्थ रह कर उसके साथ रहें। यह व्रत अखंड सौभाग्य और पति की लंबी उम्र की कामना के लिए भी रखा जाता हैं। जानते हैं द्वापर युग से लेकर कलयुग तक में भी यह व्रत उतनी ही आस्था और विश्वास के साथ एक स्त्री रखती हैं जितना हमारे पौराणिक काल में रखा जाता था। लेकीन बहुत से लोगों के मन में ये सवाल होते हैं कि यू व्रत महिलाएं क्यों रखती हैं, और इसके पीछे की वजह क्या हैं। वैसे इस व्रत के पीछे हर युग की एक कहानी जो आज इस आर्टिकल में आप जानेंगे करवा चौथ क्यों मनाया जाता है साथ ही जानेंगे की इस व्रत को भारत के किन किन राज्यों में मनाया जाता हैं।

पौराणिक कथाओं के अनुसार

पौराणिक कथाओं के अनुसार एक और जहां माता पार्वती अपनें पति भगवान शिव जी को पाने के लिए तप के साथ व्रत भी करती हैं। इसी व्रत को पल भी उनको मिलता हैं। तो दूसरी कहानी हैं जहां सावित्री अपने तप और व्रत के बल पर अपने पति को यमराज से छुड़वा कर ले आई थीं। वहीं कुछ स्त्री इस दिन करवा माता की पूजा करती हैं साथ ही कुछ महिलाएं इस दिन भगवान शिव पार्वती की पूजा कर चांद को अर्ग देती हैं।

करवा चौथ क्यों मनाया जाता है

प्राचीन समय की एक कथा के अनुसार एक करवा नाम की पतिव्रता स्त्री थी, इनके पति काफी उम्रदराज थे, एक दिन इनके पति नदी में स्नान करने गए तो नहाते समय एक मगरमच्छ ने इनका पैर पकड़ लिया और निगलने लगा ये अपनी सहायता के लिए जोर जोर से चिल्ला कर अपनी पत्नी करवा को बुलाने लगे। करवा जैसे ही नदी के तट पर पहुंची उन्होंने अपने सूती साड़ी से धागा निकलकर अपने तपोबल के माध्यम से उस मगरमच्छ को अपने तपोबल के माध्यम से बांध दिया, सूत के धागे से ही बांधकर कर करवा मगरमच्छ को यमराज के पास लेकर पहुंची, यमराज उनको देख कर बोलें देवी आप यहां क्या कर रही हैं।

करवा ने यमराज से बोला कि इस मगर ने मेरे पति के पैर को पकड़ा था, इस लिए अब आप अपनी शक्ति से इसे मृत्यु दंड देकर अपने साथ नर्क में ले जाइए। इस पर यमराज बोलें देवी अभी इस मगर की आयु शेष हैं मैं ऐसा नहीं कर सकता हू। (करवा एक सतीत्व स्त्री थी,) करवा ने कहा अगर आप ऐसा नहीं करेंगे तो मैं अपनें तापो बाल से आपको ही नष्ट कर दूंगी।

करवा माता की बात सुन कर यमराज के साथ खड़े चित्रगुप्त सोच में पड़ गए क्योंकि करवा देवी एक सतीत्व स्त्री होने के कारण न तो वह उनको शाप दे सकते थे और न ही उनकी बातों का अनसुना, इसके बाद करवा देवी की बात को मानते हुए मगर को नर्क भेज दिया और उनके पति को चिरायु का आशीर्वाद दिया गया। इसके बाद चित्रगुप्त ने करवा माता से कहा कि जिस तरह अपने अपने तपोबल से अपने पति के प्राणों की रक्षा की हैं, मै इससे बहुत प्रसन्न हूं मै वरदान देना हूं कि आज की तिथि के दिन जो भी सुहागिन महिला पूर्ण विश्वास से तुम्हारा व्रत और पूजन करेगी उसके सौभाग्य की रक्षा मैं करूंगा।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि उस दिन कार्तिक मास की चतुर्थी होने के कारण करवा और चौथ मिलने से ये करवा चौथ पड़ गया। तभी से लेकर इस दिन कुछ महिलाएं इसी दिन करवा माता की भी पूजा करती हैं।

करवा चौथ की पूजा कैसे की जाती हैं

सभी सुहागिन महिलाएं अपने राज्य परिवेश के अनुसर अपने हिसाब से पूजा अर्चना करती हैं। महिलाएं सूरज उगने से पहले सरगी खाती हैं, फिर सुबह जल्दी उठ कर अपने काम कर के महादेव और माता पार्वती के समक्ष व्रत का संकल्प लेती हैं साथ ही आरती भी करती हैं इसके बाद शाम की पूजा में कोई करवा माता की तो कोई शिव पार्वती माता के परिवार की पूजा करता हैं। इसके बाद चंद्र भगवान को अर्ग देती हैं और फिर अपने पति के हाथ से जल पीकर पति के आशीर्वाद के साथ अपने घर के बढ़ो का भी पैर छूकर आशीर्वाद लेती हैं। फिर अपने व्रत का परण करती हैं।

यह भी पढ़े – दशहरा क्यों मनाया जाता है

करवा चौथ कब हैं 2021

इस साल यानी साल 2021 में करवा चौथ 24 अक्टूबर दिन रविवार को पड़ रहा हैं। इस साल की खास बात ये है कि पांच साल बाद यह व्रत फिर से रविवार को पड़ रहा हैं इस लिए इस बार का करवा चौथ शुभ माना जा रहा हैं।साथ ही रविवार को पड़ने की वजह से सूर्य देव की भी व्रती स्त्री को इस दिन खूब आशीर्वाद मिलेगा। कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि इस साल 24 अक्टूबर को 2021 में रविवार सुबह 3 बजकर 1 मिनट से चालू होंगी और 25 अक्टूबर सुबह 5 बजकर 40 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। इस दिन चांद निकलने का समय जो ज्योतिष द्वारा बताया जा रहा हैं वो है रात 8 बजकर 11 मिनट पर। पूजन जा शुभ मुहूर्त भी शाम 6 बजकर 55 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 51 मिनट तक ही हैं।

निष्कर्ष

आज हम ने आप को करवा चौथ क्यों मनाया जाता है और कब अता है सभी जानकारी हिंदी में आप को विस्तार से बताई है तो आप कमेंट कर के जरूर बताए यह जानकारी आप को कैसी लगी और निचे कुछ प्रश्न के उत्तर दिए हुए है जिस से आप को काफी मदद मिलेगी

करवा चौथ पर यदि पति घर पर न हो तो व्रत को कैसे तोड सकते है

करवा चौथ पर यदि पति घर पर न हो तो व्रत को “पति का फोटो देखकर ये समझे की वह आपके पास है और पानी पिए ये समाज कर कि वे आपको पानी पीला रहे है ” तोड़ सकते है

क्या करवा चौथ का व्रत हम बीच में छोड़ सकते हैं

करवा चौथ का व्रत हम हिन्दू मान्यता के अनुसार बीच में नहीं छोड़ सकते हैं लेकिन अगर स्वास्थ्य ठीक नहीं है या गर्भवती हो तो करवा चौथ का व्रत टाला जा सकता अर्थात स्वास्थय देखकर व्रत रखा जा सकता

करवा चौथ के करवे को पूजा के बाद कहाँ रखे

करवा चौथ के करवे को पूजा के बाद आप अपने घर के मंदिर मे रख सकते है और फिर अगले दिन आप किसी मंदिर में या नदी /तालाब मई विसर्जित कर सकते है या किसी पेड़ के निचे रख सकते है

करवा चौथ में करवा में क्या भरा जाता है

करवा चौथ में करवा में गेहूं भरा जाता है


Share Now

Neha Tripathi

Hello friends, welcome to my blog HINDI TOP BLOG. I am neha triapthi, A part part time blogger from Uttar Predesh, India. Here at HINDI TOP BLOG I write about different types of blog who will gives you knowledge.

Related Articles

Leave a Reply