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जन्माष्टमी क्यों मनाई जाती है. जन्माष्टमी कब मनाई जाती है ?

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हेलो दोस्तों, आज हमारे आर्टिकल में जन्माष्टमी के त्यौहार की जानकारी हम आपको देंगे। हमारे हिन्दू धर्मो का सबसे प्रमुख और सदियों से चला आ रहा त्यौहार जन्माष्टमी है। जन्माष्टमी त्यौहार श्री कृष्ण के जन्म की ख़ुशी में काफी उत्साह से इस पर्व को हमारे देश में मनाया जाता है। चलिए अब जानते है जन्माष्टमी क्यों मनाई जाती है

जन्माष्टमी क्यों मनाई जाती है | Janmashtami kyu manaya jata hai

पुराने ग्रंथों में आपने अत्याचारी कंस के बारे में तो सुना ही होगा। कंस राजा ने मथुरा के लोगो पर इतनी अत्याचार किये की स्वयं भगवान् विष्णु ने इस धरती पर करीबन 22 वा अवतार मनुष्य योनि में जन्म लिया। उसी समय एक बार पंडित ने यह आकाशवाणी की थी कंस के लिए की उनकी बेहेन देवकी का पुत्र उनका वध करेगा। यह सुनकर कंस मामा काफी घबरा गए और अपनी बेहेन देवकी और उनके पति को काल कोठरी में डाल दिया। उन्होंने अपनी बेहेन के एक एक करके सारे बच्चों को मार दिया ।

जब आठवा पुत्र जन्मा भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि रात 12 बजे तब देवकी और उनके पति वासुदेव ने इस बच्चे को बचाने का निर्णय लिया और वासुदेव अपने बच्चे चुप छुपाए गोकुल में यशोदा मैया के पास छोड़ आए। यही बच्चा भगवान विष्णु का अवतार लेकर धरती पर श्री कृष्णा ने जन्म लिया।

यशोदा मैया और नन्द बाबा ने इनकी देखरेख काफी अच्छे से की। मथुरा के इस पावन भूमि में श्री कृष्णा का बचपन गुजरा और यह इतने शरारती थे की हर घर पर जाकर मटके से दही और माखन खा जाते थे। उनके मित्रो की माई उन्हें खुद ही मटके से माखन दे देती थी क्यूंकि कृष्ण इतने चुलबुले थे की गोकुल में हर कही उनकी गुण गान करते थे। जैसे जैसे कृष्णा बड़े हुए उन्होंने काफी असुरो की हत्या की। उनकी बंसी बजाने की कला से सारा गोकुल खिल उठता था।

गोकुल की सारी गोपिया उनके आस पास उनकी बासुरी की धुन सुनने आ जाया करती। इसलिए उन्हें बासुरी वाला भी कहाँ जाता है। बाद में उन्होंने कंस मामा का वद भी किया। बस इसी से श्री कृष्णा के जन्म से ही जन्माष्टमी का त्यौहार मनाया जा रहा है।

जन्माष्टमी कब मनाई जाती है

श्री कृष्णा का जन्म भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मध्यरात्रि 12 बजे हुआ था। यही कृष्ण पक्ष के अष्टमी के दिन हर साल इसी दिन श्री कृष्णा का जन्म मनाया जाता है और दूसरे दिन इन्ही के जन्म के महोत्सव पर दही हांडी मनाया जाता है। इस वर्ष 2021 में 30 अगस्त को जन्माष्टमी बनाया जाएगा।

जन्माष्टमी का 2021 में शुभ मुहूर्त कब है ?

जन्माष्टमी का इस साल शुभ मुहूर्त 30 अगस्त को रात 11.59 बजे से लेकर रात 12.44 बजे तक रहेगा।

जन्माष्टमी कैसे मनाई जाती है. दही हांड़ी क्या होता है ?

हर प्रांत में इस त्यौहार को अलग अलग तरीके से मनाया जाता है। इस दिन सुबह से ही पुरे विधि विधान से इस पर्व की तैयारी शुरू हो जाती है। श्री कृष्णा के मूर्ति की पूजा करके इन्हे झूला झुलाया जाता है। उसी प्रकार मंदिरों में इस दिन काफी चहल पहल रहती है और मंदिरो को काफी अच्छे से सजाया जाता है और सभी लोग नए कपडे पेहेनते है। इस पर्व पर रात भर सारे लोग एक साथ होकर मंगल गीत और भजन गाय जाता है।

जन्माष्टमी की लोकप्रिय परंपरा दही हांड़ी है जिसमे हांड़ी में भरी दही या माखन को तोडा जाता है। सारे लोग अपने मोहल्ले में इखट्टा होकर दही और माखन से भरी मटकी को ऊपर की और लटकाते है। युवा बच्चे गोल पिरामिड बनाकर ऊपर चढ़ते है और एक के ऊपर एक चढ़कर जो पहले हांड़ी तोड़ता है वो टीम को विजेता घोषित किया जाता है। इसके अलावा काफी अन्य प्रतियोगिता रखी जाती है। यह प्रतियोगिता भारत कई राज्यों में आयोजित किया जाता है। इसी प्रकार दही हांड़ी के त्यौहार को धूम धाम से मनाया जाता है।

श्री कृष्णा के जन्म भूमि मथुरा के पांच विश्व प्रसिद्ध मंदिर है

श्री कृष्णा के मथुरा स्थान पर कई मंदिर बनवाए गए और हर साल यहां लाखों की संख्या में भीड़ जमा होती है । मथुरा में आपको कुछ प्रसिद्ध मदिर मिलेंगे जो विश्व प्रसिद्ध है – सबसे पहला मंदिर हैं राधा कृष्ण मंदिर जो काफी आकर्षित है, यहाँ पर आपको ठाकुर द्वारकादिश महाराज का मंदिर भी मिलेगा जहाँ अष्टयाम की पूजा होती है , यहाँ पर हिंडोले द्वारकादिश मंदिर है जो काफी भव्य और चर्चित हैं क्यूंकि इसे पूरा सोना व चांदी से बनाया गया है और एक महादेवी विद्या मंदिर भी काफी प्रसिद्ध है।

मथुरा शहर में मंदिरो के अलावा काफी दर्शनीय स्थल है जैसे -भूतेश्वर महादेव , ध्रुव कीला , कंस किला ,कंस वध स्थल ,पिपलेश्वर महादेव, बल्लप्रद कुंड , पुत्र कुंड, पिपलेश्वर कुंड महादेव ,भैरव बटुक ,कंस का अखाडा ,मंत्री स्थल ,गोकर्ण महादेव यह सारे काफी प्राचीन स्थल है जहाँ लोग पर्यटन करने आते है।

श्री कृष्णा जयंती का महत्व

कृष्णा भगवन के काफी भक्त है देश और विदेश में। भगवन कृष्ण के लगभग 108 नाम है जैसे नन्द लाल, बाल गोपाल, कान्हा , कन्हैया , मोहन, गोविंदा, वासुदेव, मोहन ,श्याम , देवेश और कई अन्य नाम भी शामिल है। कृष्ण भगवान ही थे जिनके वजह से महाभारत हुई थी और इन्होने ने ही धर्म को जिताया था। कृष्ण भगवन ने अर्जुन को पूरी भगवद्गीता सुनाई थी युद्ध से पहले और उन्हें और हम सब को जीवन का महत्व बताया है, इसलिए कृष्ण भगवान की पूजा हमारे देश में काफी मायने रखती है। उन्होंने भगवद्गीता में जो पाठ पढ़ाया है उससे हमें आघात होता है की श्रुष्टि की रचना भगवान ने की है और विनाश भी भगवान ही करेंगे। सत्य और अच्छे की हमेशा जीत होती है , छल और कपट से मनुष्य को इसी जीवन में कर्म भोगना पड़ता है। इस सिद्धांत से कृष्ण भगवान ने हमे पुरे भगवद्गीता में हमे जीने का राह बताया है।

हमें आशा है इस आर्टिकल से आपको काफी जानकारी मिली होगी जन्माष्टमी क्यों मनाई जाती है । इस आर्टिकल में हमारे साथ बने रहने के लिए शुक्रिया।

कृष्ण जन्माष्टमी के कुछ गूगल से पूछे गए सवाल:

क्या व्रत टूटने पर जन्माष्टमी का तो दोबारा कर सकते है

हिन्दू संस्कृति में पूजा पाठ का काफी महत्व है। व्रत रखने का तात्पर्य अपने देवता से अपनी कामनाओ , अपने घर परिवार के स्वास्त्य और कई सारी मन्नत हम इस व्रत के जरिए मांगते है। हमारी प्राचीन काल की मान्यताओं के अनुसार अगर हम इस व्रत को बीच में ही भंग करते है तो हमें पाप लगता है। लेकिन अगर हम व्रत भंग करते है तो इसके काफी सारे उपाय है सुधारने के -हमने जिस देवता के लिए व्रत रखा है , उस देवता का मंत्र जप करके हम क्षमा मांग सकते है। दूसरा उपाय हमारे पंडित से हम दान पिंड करने का सञ्चालन भी कर सकते है।

क्या जन्माष्टमी में हम चाय पी सकते है

हम अगर फल और पानी ग्रहण कर रहे है तो चाय भी पी सकते हैं।

जन्माष्टमी व्रत कैसे खोले

सुबह जिस तरह पूजा करके हम व्रत ग्रहण करते है, उसी प्रकार पूजा करके अपने देवता के सामने व्रत खोलना चाहिए।

जन्माष्टमी पर क्या खाया जाता है ?

अगर आपने व्रत रखा हे तो फल, पानी, साबूदाना खिचड़ी का सेवन करे।

जन्माष्टमी मथुरा पर कैसे मनाई जा रही है

मथुरा श्री कृष्ण का जन्म स्थान है और यहाँ हर साल काफी धूम धाम से कृष्णा जयंती मनाई जाती है।

जन्माष्टमी कब से मनाया जा रहा है

इस त्यौहार को सदियों से मनाया जा रहा है कृष्ण भगवन के जन्म के बाद।

जन्माष्टमी का मौसम केसा रहेगा

मौसम विभाग के अनुसार अगस्त के पुरे महीने बारिश होने की संभवना है। जन्माष्टमी में बारिश होने का अनुमान है।


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sona arumugam

मेरा नाम सोना अरुमुगम है , पेशे से इंजीनियर👩‍💻 दिल से लेखक हुँ।❤✍ मेरे ब्लॉग सिर्फ शब्द नहीं हैं वो मेरे विचार हैं📖💫 मैं सुरत शहर से ताल्लुक रखती हूं ।

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