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How to Start Poultry Farming in Hindi

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हेलो दोस्तों, कैसे है आप सब ? हमारे Hindi Top वेबसाइट पर आप सभी का स्वागत है। आज हमारे आर्टिकल में हम आपको “how to start poultry farming in Hindi” के विषय में बताएंगे। पोल्ट्री फार्मिंग को हम हिंदी में मुर्गी पालन कहते है। अगर आपके पास छोटी ज़मीन है तो आप यह व्यवसाय कर सकते है या फिर आपको पोल्ट्री फार्म करने का व्यवसाय चुनना है तो आप ज़मीन खरीद भी सकते है। यह व्यवसाय आज कल काफी लोग कर रहे है क्यूंकि मुर्गी का सेवन पूरी दुनिया में हो रहा है इसलिए इसमें मुनाफा करना काफी फायदेमंद है। हमारे पोस्ट में हम आपको इस जानकारी को पुरे विस्तार से बताएंगे। पोल्ट्री फार्मिंग में बतख पालना भी एक अख्यात श्रेणी है.

पोल्ट्री फार्म यानी मुर्गी पालन क्या होता है

प्राचीन काल से ही मुर्गी पालन किया जाता था जिसमे किसान खेती के साथ साथ अतिरिक्त आय के लिए पोल्ट्री भी करता था और आज के काल में यह व्यवसाय काफी उभरकर आया है। मुर्गी पालन के दो प्रकार होते है – ब्रायलर मुर्गी पालन और लेयर मुर्गी पालन |

  1. ब्रायलर मुर्गी पालन – इस व्यवसाय में आपको मुर्गी के मांस के लिए व्यवसाय किया जाता है। मुर्गियों का पालन पोर्शन इसके मांस का व्यापार करने के लिए जाता है।
  2. लेयर मुर्गी पालन – इस फार्मिंग में मुर्गी के अंडे के लिए मुर्गी की खेती की जाती है।

भारत में मुर्गी पालन व्यवसाय कोनसे प्रांंत में होता है

हमारे देश में मुर्गी पालन व्यवसाय आंध्र प्रदेश, केरल, कर्नाटक, और तमिल नाडु के राज्यों में काफी बड़े मात्रा में उत्पादन किया जाता है। मुर्गी पालन व्यवसाय में भारत के विश्व में 17 वा स्थान है। प्रति वर्ष हमारे देश में अंडे के खपत ग्रामीण क्षेत्रों में 7.7 % और शहरों में 17.8 % होता है।

ब्रायलर पोल्ट्री फार्मिंग क्या है

हमारे देश में ब्रायलर चिकन काफी लोकप्रिय पक्षी है , जिसका पालन पोषण किया जाता है और मार्केट में इनकी मांस का व्यापार किया जाता है। यह मुर्गी सिर्फ 5 से 6 सप्ताह की होती है , इनकी प्रजाति अंडे से निकलकर सिर्फ 40 से 50 ग्राम का होता है और इसे सही प्रकार से दाना दवा खिलाया जाता है और पालन किया जाता है जो बाद में 6 हफ्तों के बाद 2 किलो वजन के बन जाते है। ब्रायलर पोल्ट्री की खेती काफी विक्सित हो गई है गाओ में भी और शहर में भी। इस व्यवसाय में कम राशि की आवश्यक होती है और मुनाफा भी दुगुना होता है।

कैसे करें ब्रायलर पोल्ट्री फार्मिंग की शुरुवात

ब्रायलर मुर्गी पालन के लिए आपको एक जगह की आवश्यक होगी और आप छोटे स्तर पर शुरुवात करनी होगी, बाद में बड़ी फार्मिंग में विक्सित आप कर सकते है। मुर्गी के चूजे विश्वसनीय और प्रमाणित हेचरी से ही ले। ब्रायलर मुर्गी खेती में जैविक सुरक्षा का पालन करें। चूजे को समय पर टीकाकरण करवाए। फार्मिंग की शुरुवात करने के लिए निचे दिए गए पॉइंट्स पढ़कर आपको पता लग जाएगा इनकी खेती करने का सारिका :

1. मुर्गी पालन के लिए सही स्थान का चुनाव

आपको जगह ऐसे जगह पर होना चाहिए जो एकदम समतल हो और ऊंचाई में हो ,जिससे की बारिश का पानी फार्म में न जा सके। मुर्गी पालन का स्थान प्रमुख सड़क और मार्केट से दूर हो क्यूंकि इनके पालन पोषण करते वक़्त फार्म से काफी बधबू फैलती है जो भीड़ भरी लोगो में परेशानी पैदा कर सकती है। लेकिन सुनसान जगह पर होने के बावजूद बिजली और पानी का नियंत्रण रूप से होना आवश्यक होना चाहिए।

2. ब्रायलर फार्म के लिए शेड का निर्माण करें

पोल्ट्री फार्म के लिए शेड बनाते वक़्त हमेशा पूर्व पश्चिम के दिशा में होना चाहिए और शेड के जाली वाला साइड उत्तर दक्षिण में होना चाहिए। इससे हवा सही रूप से शेड के अंदर से बाह सके और अंदर धुप ज्यादा न लगे। शेड की चौड़ाई 30-35 फुट होनी चाहिए और लम्बाई जरुरत के अनुसार होनी चाहिए। शेड की साइड की ऊंचाई फर्श से लगभग 8 से 10 फुट होना चाहिए और बीच की ऊंचाई फर्श से 14-15 फुट होनी चाहिए। शेड के अंदर मुर्गी का दाना , पानी के बर्तन , पानी की टंकी , बिजली जैसी उचित व्यवस्था होनी चाहिए। मुर्गियों के शेड वा बर्तनो की साफ़ सफाई नियमित रूप से करना चाहिए।

3. ब्रायलर चूजों का भोजन और पानी

पानी के टंकी से पाइप का डायरेक्ट कनेक्शन आप बर्तनो में दे दे , इससे चूजों को बर्तनो से पानी पिने में आसानी होगी। लगभग 100 चूजों के लिए 3 बर्तन वाले पानी और ख़ाक की आवश्यक होती है। चूजों के खाक के लिए 3 प्रकार के दाने की आवश्यकता होती है , इन चूजों को इनके उम्र और वजन के अनुसार दिया जाता है।

  • फ्री स्टार्टर – इसमें चूजों को 0-10 दिन के चूजों को दाना दिया जाता है।
  • स्टार्टर – 11-20 दिन के ब्रायलर चूजों को यह दाना दिया जाता है।
  • फिनिशर -21दिन से मुर्गे के बिकने तक यह दाने दिए जाते है।

सबसे ज्यादा खर्चा इनके दानो पर ही होता है ताकि इन्हे अच्छी प्रोटीन, मिनरल्स और विटामिन मिले जिसके लिए इन्हे एमिनो पावर दिया जाता है।

4. चूजे की ब्रूडिंग करना

मुर्गी जब अण्डों को अपने नीचे रखकर गर्मी देती है तो वह प्राकृतिक रूप से गर्मी अंडे को प्रदान होता है , उसी प्रकार ब्रूडिंग में कृत्रिम रूप से चूजे को तापमान दिया जाता है। इस व्यवसाय में ब्रूडिंग प्रोसेस पर ही यह फार्म यानी खेती निर्भर होती है। चूजे को सही प्रकार से मुर्गे में विक्सित होने के लिए ब्रूडिंग ज्यादा आवश्यक है , अगर यह ब्रूडिंग असफल रहा तो चूजे कमजोर होकर मर जाएंगे। ब्रूडिंग 3 प्रकार से किया जाता है – बिजली के बल्ब द्वारा गर्मी , गैस ब्रूडर से ब्रूडिंग , सिगड़ी द्वारा गर्मी से ब्रूडिंग

5. मुर्गियों में बिमारी

मुर्गियों का सही समय में टीकाकरण कराना आवश्यक है , इनमे कुछ खतरनाक बिमारी निवेश करती है जो दूसरे मुर्गियों को भी बीमार कर सकती है, यह है पैरासाइटिक बीमारी, मेरेक्स बीमारी, रानीखेत बिमारी, टाइफाइड बिमारी।

6. नर और मादा मुर्गी में वृद्धि

नर मुर्गी मादा मुर्गी के मुकाबले काफी तेजी से बढ़ती हे ,उन्हें ज्यादा दाना , पानी लगता है क्यूंकि इन्हे प्रोटीन्स और कार्बोहाइड्रेट्स ज्यादा लगता है। इसलिए इन्हे पहले दिन से अलग अलग पाला जाता है और इनका आहार भी अलग अलग होता है। आप को काफी प्रश्न निचे दिए हुए है

ब्रायलर मुर्गी को पानी कितना लगता है ?

ब्रायलर मुर्गा 1 किलो दाना खाकर लगभग 3 लीटर तक पानी पिता है और गर्मी में यही पानी की संख्या दुगुना हो जाती है।

पोल्ट्री फार्म के लिए शेड का खर्चा कितना लगता है ?

1000 मुर्गियों की खेती करने के लिए आपको कुल 7 लाख का इन्वेस्टमेंट लगेगा।

निष्कर्ष

हमें आशा है हमारे आर्टिकल में “how to start poultry farming in Hindi”दी गई जानकारी आपके लिए अवश्य लाभ होगा। हमारा पोस्ट अगर आपको पसंद आया हो तो प्लीज लाइक ,शेयर और कमेंट करिये। आपका कोई सुझाव इस पोस्ट को लेकर हो तो जरूर हमारे पोस्ट के नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स पर लिखियेगा। आपका एक लाइक हमे और भी अच्छी जानकारी बटोरने में प्रेरणा देगी। हम नए आर्टिकल के साथ फिरसे हमारे हिंदी टॉप वेबसाइट पर हाज़िर होंगे। हमारे आर्टिकल को अंत तक पढ़ने के लिए धन्यवाद्।


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sona arumugam

मेरा नाम सोना अरुमुगम है , पेशे से इंजीनियर👩‍💻 दिल से लेखक हुँ।❤✍ मेरे ब्लॉग सिर्फ शब्द नहीं हैं वो मेरे विचार हैं📖💫 मैं सुरत शहर से ताल्लुक रखती हूं ।

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