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गैंगस्टर राजू ठेहट की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या हो गई है, आइये जानते हैं उनके गैंगस्टर राजू ठेहट जीवन के बारे में

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गैंगस्टर राजू ठेहट की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या हो गई है, आइये जानते हैं उनके जीवन के बारे में सीकर जिले के पीपराली रोड पर कुछ बदमाशों ने दिनदहाड़े राजू ठेहट की गोलियों से भून कर हत्या कर दी । इस हत्याकांड के बाद पूरे जिले में नाकाबंदी करवाई गई है। कहा जा रहा है कि गैंगस्टर राजू ठेहट राजनीति में कदम रखने वाला था।

कौन था राजू ठेहट, और कैसे बना वह इतना बड़ा गैंगस्‍टर

राजू ठेहट का जन्‍म सीकर जिले के दांतारामगढ़ उपखंड में गांव जीणमाता धाम के पास स्थित गांव ठेहट में हुआ था । साल 1995 से राजू ठेहट ने अपराध की दुनिया में अपने कदम बढ़ा लिए थे । उस समय शेखावाटी में सीकर के एसके कॉलेज के छात्र राजनीति सुर्खियों में रहा करती थी। सीकर का गोपाल फोगावट शराब के व्यवसाय से जुड़ा था। राजू ठेहठ भी उसके साथ अवैध शराब बेचने लगा था।

गैंगस्टर राजू ठेहट का जीवन परिचय

राजस्थान के सीकर के मशहूर गैंगस्टर राजू ठेहट की गोली मारकर हत्या कर दी गई। कुछ बदमाशों ने मिलकर राजू ठेहट को उसके घर के पास ही गोली मार दी।

राजू ठेहट की आनंदपाल गैंग और बिश्नोई गैंग से लंबे समय से रंजिश चल रही थी। लॉरेंस बिश्नोई के राहित गोदारा ने हत्याकांड की पूरी जिम्मेदारी ली है। रोहित गोदारा ने लिखा कि उसने आनंदपाल और बलबीर की हत्या का बदला अब ले लिया है।

राजू ठेहट की हत्या की सूचना मिलने पर पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए थे । पुलिस ने पूरे जिले में नाकाबंदी कर दी है। राजू ठेहत के तीन गोली लगने की सूचना दी गई है ।

हरियाणा और झुंझुनू की सीमाओं को पूरी तरह सील कर दिया गया है। खबरें तो ऐसी भी हैं कि गैंगस्टर राजू ठेहट अपराध की दुनिया छोड़ कर राजनीति की दुनिया में अपने कदम रखनेवाला था |

फायरिंग में एक अन्य भी घायल हुआ

सीकर के एसपी कुंवर राष्ट्रदीप ने कहा कि राजू ठेहट की हत्या कर दी गई है । सीसीटीवी के आधार पर राजू हत्याकांड में चार युवकों के शामिल होने की बात सामने आई है।

सीसीटीवी में यह साफ दिख रहा है कि एक युवक राजू से बातचीत भी कर रहा है। ऐसा लग रहा है कि दोनों में पहले से जान-पहचान थी। इस मामले की जांच में पुलिस जुट गई है।

उस फायरिंग में एक अन्य युवक भी घायल हो गया है। वहीं रोहित गोदारा के इस पूरे मामले की जिम्मेदारी लेने पर एसपी ने कहा कि इसकी आगे जांच करवाई जा रही है।

सीसीटीवी में ऐसा क्या दिखा

राजू ठेहट हत्याकांड के कई अलग अलग सीसीटीवी फुटेज सामने आए हैं। जिसमें दिख रहा है राजू ठेहट के घर के सामने एक ट्रैक्टर आकर रुकता है। वहीं कुछ बदमाश राजू ठेहट के घर के बाहर खड़े हुए हैं। जिसके बाद वह बदमाश ठेहट पर फायरिंग करना शुरू कर देते हैं। उसके बाद बदमाश राजू ठेहट को चेक करते हैं कि वो जिंदा है या नहीं।

सीकर बंद करने का एलान

राजू ठेहट की हत्या से आक्रोशित वीर तेजा सेना ने अनिश्चितकालीन के लिए सीकर बंद करने का एलान किया है। इसके साथ ही उन्होंने शव उठाने से इनकार कर दिया है। वहीं जाट समाज के लोग सीकर की दुकानों को बंद करवा रहे हैं। वो बाजरों में घूम-घूमकर दुकानदारों से दुकान बंद रखने को कह रहे हैं।

वीर तेजा सेना के सीकर बंद कराने को लेकर पुलिस बल मौके पर तैनात किया गया। कल्याण चिकित्सालय की चीरघर के बाहर वीर तेजा सेना के कार्यकर्ताओं का जमावड़ा लग गया है। चीरघर के बाहर बहुत सारी भीड़ को देखकर पुलिस बल तैनात किया गया था ।

1995 में राजू ठेहट ने ली थी क्राइम की दुनिया में एंट्री

राजू ठेहट का अपराध की दुनिया में नाम गैंगस्टर आनंदपाल सिंह से पहले से ही मशहूर हुआ था। आनंदपाल सिंह की मृत्यु के बाद भी राजू ठेहट की दबंगई कम नहीं हुई। अपराध के दुनिया में ठेहट ने 1995 के दौर में शुरुआत की थी।

उस समय भाजपा की भैरोंसिंह सरकार हवा के झोंके में झूल रही थी और राजस्थान में राष्ट्रपति का शासन लागू था। सीकर का एसके कॉलेज उन दिनों शेखावाटी के राजनीतिक का केंद्र था। कॉलेज में एबीवीपी का दबदबा था। गोपाल फोगावट शराब के धंधे से जुड़ा हुआ था। जिसके साथ मिलकर राजू ठेहठ भी शराब का अवैध कारोबार करने लगा था ।

अवैध शराब का कारोबार करता था राजू ठेहट

फोगावट के साथ काम करते हुए राजू ठेहट की मुलाकात बलबीर बानुडा से हुई। बानुडा दूध का व्यापार करता था लेकिन राजू ठेहट से मिलने के बाद बानुडा को खूब पैसा कमाने की लत लगी।

उसने भी राजू ठेहट के साथ मिलकर शराब का कारोबार करना शुरू कर दिया । साल 1998 में बलबीर बानुडा और राजू ठेहट दोनों ने मिलकर सीकर में भेभाराम हत्याकांड को अंजाम दे दिया। यहीं से शेखावाटी में गैंगवार की शुरुआत भी हो गई।

1998 से लेकर 2004 तक बानुडा और राजू ठेहट ने शेखावाटी में शराब के अवैध कारोबार बेरोकटोक करने लगे। अगर कोई इस धंधे में शामिल उनकी जी हजूरी नहीं करता तो दोनों उसे रास्ते से हटा देते।

बलबीर बानुडा से दोस्ती दुश्मनी में कैसे बदली

2004 में वसुंधरा राजे के पास राजस्थान की गद्दी थी। राजस्थान मे शराब के ठेकों की लॉटरी निकाली गई। जिसमें जीण माता में शराब की दुकान राजू ठेहट और बलबीर बानुडा को मिली। दुकान शुरू हुई और उस पर बलबीर बानुडा का साला विजयपाल सेल्समैन के तौर पर रहने लगा।

दिनभर में हुई शराब की खपत का हिसाब शाम को विजयपाल बानुडा और ठेहट दोनों को देता था। दुकान से जिस प्रकार की बचत राजू ठेहट चाहता था, वह बचत उसे मिल नहीं रही थी। ठेहट को लगा की विजयपाल दुकान की शराब बेचने की बजाय ब्लैक में शराब बेचता है।

इसी बात को लेकर राजू ठेहट और विजयपाल में आपस में कहासुनी हो गई थी और यह कहासुनी इस हद तक बढ़ गई थी की राजू ठेहट ने अपने साथियों के साथ मिलकर विजयपाल की हत्या कर दी थी ।

विजयपाल की हत्या के बाद राजू ठेहट और बलबीर बानुडा की दोस्ती अब दुश्मनी में तब्दील हो गई। इसके बाद आनंदपाल और बानुडा ने मिलकर राजू ठेहट के संरक्षक की हत्या कर दी।

जिसके बाद राजू ठेहट भी आनंदपाल और बलबीर बानुड़ा के खून का प्यासा हो गया। दोनों गैंग एक दूसरे पर हमला करने में जुट गए । उस दौरान आनंदपाल एनकाउंटर में मारा गया। जिसके बाद राजू ठेहट का शेखावटी में वर्चस्व और अधिक बढ़ गया था।


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Yogesh Sharma

नमस्कार दोस्तों, में योगेश शर्मा, Hindi Top का Digital Marketing Author & Co-Founder हु. अगर में अपनी बात करता हु तो मेरे Digital Marketing में 2 साल का experience है. मेरे को Digital Marketing की New Update दखने में और दुसरो को सिखाने में बड़ा मजा आता है. आप Hindi Top के साथ बने रहो आप रोज नई-नई चीजो को सिख्नते रहोगे!

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