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साइकिल का आविष्कार किसने किया ? | Cycle ka Avishkar kisne kiya.

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हेलो दोस्तों, कैसे हो आप सब ? हमारे Hindi Top वेबसाइट पर आपका स्वागत है। आज हम फिर आपके लिए एक नया पोस्ट लाए है की ” साइकिल का आविष्कार किसने किया “। हम आपको इस आर्टिकल में कई सारी जानकारी देने वाले है जो पढ़कर आपको हमारे वैज्ञानो के योगदान की और खोज के बारे पता चलेगा।

साइकिल यह वाहन हमारे 19वि सदी में काफी प्रचलित हुआ। प्राचीन समय में लोगों के पास वाहन का साधन नहीं था ,उस समय लोग बैल गाडी, घोडा गाडी या अन्य जानवरो का सहारा लेकर अपना प्रस्थान करते थे। उस समय लोगो को काफी परेशानी होती थी कहीं भी पर्यटन करने के लिए। यहाँ तक की सामान को जानवरो के जरिये ही अपने उपर्युक्त जगहों पर पहुँचाया जाता था। इसी वजह से काफी समय सिर्फ किसी स्थल पर पहुँचने के लिए लग जाती थी।

अब आप यह सोच रहे होंगे की साइकिल भी तो इतनी तेज़ी से नहीं चलती, लेकिन फिर भी साइकिल के अविष्कार ने ही आगे की छुपी गुत्तियों का रहस्य खोल दिया। तात्पर्य है की साइकिल के आविष्कार के बाद ही कहीं वाहनो जैसे बाइसिकल, बस, ट्रैन, टेम्पो, एयरोप्लेन, कार जैसे साधनो को खोजने में कही वैज्ञानिको को प्रेरणा मिली। अब चलिए हम बताते है की साइकिल जैसे वाहन का आविष्कार किसने किया था।

साइकिल का आविष्कार किसने किया ?

सबसे पहला साइकिल लकड़ी का बनाया गया था और लगभग 200 साल पहले बनाया गया था। इस वाहन को कार्ल वॉन ड्रेस ने 12 जून साल 1817 में बनवाया था। कार्ल वॉन एक प्रसिद्द जर्मन वैज्ञानिक थे जिन्होंने साइकिल के अलावा कई सारे उपकरणों का आविष्कार किया।

साल 1812 में कार्ल ने एक उपकरण बनाया जो कागज़ के जरिये पियानो संगीत रिकॉर्ड कर सकता था। सबसे पहला कीबोर्ड वाला टाइपराइटर साल 1821 में अविष्कार किया, साल 1827 में 16 अक्षरों वाला स्टेनोग्राफ मशीन भी इन्होने ही बनवाई और इसके अलावा दुनिया का सबसे पहला मीट ग्राइंडर यानि कीमा बनाने वाला यन्त्र भी इन्ही के निर्माण की देन है।

कार्ल वॉन की साइकिल बिना पेडल की बनाई गई थी और यह लकड़ी की बनाई गई। इस साइकिल का वजन लगभग 23 किलोग्राम की थी। पेडल न होने की वजह से इस साइकिल को धक्का लगाकर चलाया जाता था। लेकिन उस वक़्त के लिए यह वरदान से तो कम नहीं था। अपने बनाई गई साइकिल को उस समय कार्ल ने जर्मनी के दो शहर रिनाऊ और मैनहेम में पुरे शहर में चलाकर प्रदर्शित किया। यह साइकिल एक घंटे में लगभग 7 किलोमीटर की दुरी तय कर पाती थी।

पेडल वाली साइकिल का आविष्कार किसने किया ?

कार्ल वॉन के साइकिल से प्रेरित होकर फ्रांस के एक मैकेनिक व आविष्कारक पिएर्रे लालमेंट ने साल 1866 में बनाया था। इस वाहन में पेडल को पिछले पहिये से एक चैन से जोड़ा गया था।

साइकिल बनाने का इतिहास ?

कार्ल वॉन और पिएर्रे लालमेंट के बाद कई वैज्ञानिको ने साइकिल के आविष्कार में योगदान दिया है। जैसे जैसे समय बीता नए नए साइकिल की टेक्नोलॉजी विशेषताओं के साथ बाहर आया।

साल 1866 में पेरिस में स्थित पियरे मिचोक्स ने व्यवसाइक तौर पर पेडल वाली मशीन का अविष्कार करना शुरू कर दिया था। धीरे धीरे साइकिल इतना प्रचलित हो गया की वह महीने भर में 200 के ऊपर साइकल्स बेचते थे।

इसके बाद साइकिल में और भी बदलाव हुए यानि स्पोक व्हील की साइकिल बनाई गई। स्पोक व्हील साइकिल का आविष्कार किया यूजीन मेयर ने साल 1869 में किया था। इस साइकिल का नाम रखा गया पेनी फार्थिंग जिसमे यह विशेषता थी की इसमें पिछला पहिया छोटा और आगे का पहिया काफी बड़ा था।

साल 180 में साइकिल की रोलर चैन का आविष्कार किया गया था और इस साइकिल मशीन का निर्माण हेंस रेनॉल्ड जो इंग्लैंड के मेनचेस्टर शहर के आविष्कारक थे।

ब्रिटिश आविष्कारक जेम्स स्टारले ने साइकिल के व्यापार को बड़े पैमाने में बनाना शुरू किया था, इसी वजह से इन्हे साइकिल व्यापर का जनक कहाँ जाता है। इन्होने साइकिल के निर्माण में इसकी डिजाइनिंग में काफी बदलाव लाई और इस मशीन को देश विदेश में प्रचार किया।

साल 1895 में सिर्फ ब्रिटैन में 8 लाख से ज्यादा साइकिल बनाई गई और साल 1899 में 11 लाख से भी ज्यादा अमेरिका में इस मशीन का निर्माण किया गया।

आज के दौर में अगर साइकिल का उपयोग होता है तो नेदरलॅंड्स कंट्री में होता है। नेदरलॅंड्स में लोग आज भी साइकिल को प्रथम वाहन के तौर पर इस्तेमाल करते हे और लगभग 27% लोग इसका इस्तेमाल पास की जगहों तक पहुँचने के लिए करते है।

भारत में साइकिल कब आई ?

साल 1910 में ब्रिटिश सरकार ने लगभग 35000 साइकल्स को भारत में लाने और उसे भेचने का आदेश दिया था। इंग्लैंड द्वारा भारत में साइकिल को परिचित कराया गया। इसका समर्थन करते हुए साल 1942 में सबसे पहला साइकिल बड़े पैमाने पर बनवाया गया। मुंबई शहर में साइकिल कंपनी की पहली शुरुवात की गई और इन साइकिल का नाम हिन्द साइकल्स रखा गया था।

भारत में साल 1947 के बाद जब देश आज़ाद हुआ तब साइकिल ने हमारे देश की आर्थिक व्यवस्था की तर्रक्की में अहम् भूमिका निभाई थी। साल 1960 से 1990 तक भारत में साइकिल काफी चर्चित वाहन था। गाँव में किसान की खेतियों से मंडी तक सब्जी और फलों को साइकिल के जरिये पहुंचाया जाता था। बड़ी संख्या में उस वक़्त पोस्ट ऑफिस से चिट्ठियां साइकिल के जरिये ही पहुँचाया जाता था। आज भी देखा जाए तो गाँव में साइकिल का उपयोग हर घर पर मिलेगा। आज के आधुनिक काल में भी लोग साइकिल का इस्तेमाल हेअल्थी रहने के लिए करते है।

आधुनिक साइकिल का आविष्कार किसने किया ?

अगर आज हम मार्किट में आधुनिक साइकिल देख पा रहे है तो उसका श्रेय जॉन केम्प स्टारली को जाता है। इस ब्रिटिश अविष्कारक ने साइकिल को साल 1885 में बनाया था।

साइकिल पर अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

साइकिल को हिंदी में क्या बोलते है

साइकिल को हिंदी में साइकिल ही बोला जाता है।

साइकिल को संस्कृत में क्या बोलते है

संस्कृत में साइकिल को द्विचक्रिका कहते है।

दुनिया की सबसे महंगी साइकिल

दुनिया की सबसे महंगी साइकिल का नाम है ट्रेक बटरफ्लाई मैडॉन और इसकी कीमत है लगभग 5 लाख डॉलर्स।

निष्कर्ष

हमे यकीन हे आपको हमारे आर्टिकल ” साइकिल का आविष्कार किसने किया ” से काफी जानकारी मिली होगी । आपको इसी तरह हम नए नए आर्टिकल्स के जरिये सम्बोदित करते रहेंगे। हमारे आर्टिकल में हमारे साथ अंत तक जुड़ने के लिए धन्यवाद्। हमारे वेबसाइट Hindi Top के जरिये हम आपको कई सारी जानकारिया ले आयेगे जिससे आपको काफी लाभ हो।


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sona arumugam

मेरा नाम सोना अरुमुगम है , पेशे से इंजीनियर👩‍💻 दिल से लेखक हुँ।❤✍ मेरे ब्लॉग सिर्फ शब्द नहीं हैं वो मेरे विचार हैं📖💫 मैं सुरत शहर से ताल्लुक रखती हूं ।

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