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Computer kya hai | कम्प्यूटर क्या हैं

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हेल्लो दोस्तों मैं आप को आज बताने वाली हु कम्प्यूटर क्या हैं ( Computer kya hai ) ? इसके बेसिक भाग कौन से हैं और ये काम कैसे करता है? इसके अलावा यह भी जानना जरूरी है कि इसकी महत्व और विशेषताएं क्या हैं? आज आप इस लेख में ये भी जानेंगे की इसकी परिभाषा क्या होती है.आपको इस यंत्र पर काम करने से पहले इसके बारे में हर प्रकार की जानकारी लेनी बहुत जरूरी है ताकि समझ सके की कंप्यूटर के प्रकार और उपयोग क्या हैं

कम्प्यूटर का जनक कौन है

कम्प्यूटर का जनक “चार्ल्स बैबेज” को माना गया है।इन्होने सन 1833 में Analytical Engine का आविष्कार किया था, जो आधुनिक कम्प्यूटर का आधार बना. इसी कारण उन्हे Father of Computer की उपाधी दी गई.

कम्प्यूटर क्या हैं

कम्प्यूटर एक ऐसा इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जो यूज़र्ज़ द्वारा इनपुट किए गए डेटा में प्रक्रिया करके सूचनाओं को रिज़ल्ट के रूप में प्रदान करता है, अर्थात् कम्प्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है जो यूज़र्ज़ द्वारा दिए गए निर्देशो का पालन करती है।कम्प्यूटर के इतने अर्थ होने के बावजूद हमने आपके लिए कम्प्यूटर को परिभाषित करने कि एक कोशिश की है। इस कम्प्यूटर की परीभाषा को आप कम्प्यूटर की एक प्रमाणित परिभाषा नही मान सकते है. क्योंकि कार्य के आधार पर कम्प्यूटर के अर्थ भी बदल जाते है।

कम्प्यूटर की परिभाषा क्या है

“कम्प्यूटर एक मशीन है जो कुछ तय निर्देशों के अनुसार कार्य को संपादित करते है. और ज्यादा कहे तो कम्प्यूटर एक इलेक्ट्रोनिक उपकरण है जो इनपुट उपकरणों की मदद से आँकडों को स्वीकार करता है उन्हें प्रोसेस करता है और उन आँकडों को आउटपुट उपकरणों की मदद से  सूचना के रूप में प्रदान करता है.”

यह भी पढ़े – Google Full Form in Hindi

कम्प्यूटर का पूरा नाम क्या है

कम्प्यूटर बहु-उपयोगी मशीन होने के कारण आज तक भी इसको एक परिभाषा में नही बाँध पाँए है. इसी कड़ी में कम्प्यूटर का पूरा नाम भी चर्चित रहता है. जिसकी अलग लोगों और संस्थाओं ने अपने अनुभव के आधार पर भिन्न-भिन्न व्याख्या की है. लेकिन, इनमे से कोई भी Standard Full Form नही है. मैंने आपके लिए एक कम्प्यूटर की फुल फॉर्म नीचे बताई है. जो काफी लोकप्रिय और अर्थपूर्ण है.

  • C – Commonly
  • O – Operating
  • M – Machine
  • P – Particularly
  • U – Used in
  • T – Technology
  • E – Education
  • R – Research

कम्प्यूटर के विभिन्न प्रकार

कम्प्यूटर के मुख्य रूप से तीन प्रकार होते हैं. 

  1. अनुप्रयोग (Application)
  2. उद्देशय (Purpose)
  3. आकार (Size)

कम्प्यूटर का परिचय

कम्प्यूटर अपना कार्य अकेला नही कर सकता है. कम्प्यूटर किसी कार्य को करने के लिए कई तरह के उपकरणों तथा प्रोग्राम की सहायता लेता है. कम्प्यूटर के ये उपकरण और प्रोग्राम क्रमश: ‘Hardware तथा Software ‘ के नाम से जाने जाते है।

कम्प्यूटर का परिचय

1.System Unit

System Unit एक बक्सा होता है जिसमें Computer को अपना कार्य करने के लिए आवश्यक यंत्र लगे होते है. सिस्टम युनिट को CPU (Central Processing Unit) भी कहा जाता है. इसमें मदरबोर्ड, प्रोसेसर, हार्ड डिस्क आदि यंत्र होते है जो Computer को कार्य करने लायक बनाते है. इसे Computer Case भी कहते है.

2.Monitor

Monitor एक आउटपुट उपकरण है जो हमें दिए गए निर्देशों के परिणामों को दिखाता है. यह बिल्कुल टीवी के जैसा होता है. वर्तमान में मॉनिटरो की जगह एल सी डी एवं एल ई डी ने ले ली है.

3.Keyboard

Keyboard एक इनपुट उपकरण है जो हमें Computer को निर्देश देने के लिए होता है. इसकी मदद से ही Computer को वांछित आंकडे एवं निर्देश दिए जाते है. इसमे विभिन्न प्रकार की कुंजिया (keys) होती है इन्ही के द्वारा आंकडे एवं निर्देश Computer तक पहुंचाए जाते है. आप यहाँ से Keyboard का उपयोग  करना सीख सकते है.

4.Mouse

Mouse भी एक इनपुट उपकरण है जो Computer को निर्देश देने के लिए होता है. हम इसके द्वारा Computer में उपलब्ध प्रोग्राम को चुनते है. आप यहाँ से Mouse का उपयोग  करना सीख सकते है।

5.Speakers

Speakers आउटपुट उपकरण है जो हमें Computer से आवाज को सुनने में मदद करते है. इन्ही के द्वारा हमें गानों, फिल्मों, प्रोग्रामों तथा खेलों आदि में उपलब्ध ध्वनी सुनाई देती है।

6.Printer

Printer भी एक आउटपुट उपकरण है जो Computer द्वारा विश्लेषित सूचनाओं को कागज पर प्राप्त करने के लिए होता है. कागज पर प्राप्त होने वाली सूचनाओं को ‘हार्डकॉपी‘ भी कहते है।

कम्प्यूटर की विशेषताएं 

कम्प्यूटर ने हम इंसानों द्वारा किए जाने वाले अधिकतर कामों पर कब्जा कर लिया हैं और इंसान को उसकी क्षमता से अधिक कार्य-क्षमता प्रदान की हैं. यह सब इस मशीन के खास गुणों के कारण संभव हैं. तभी हम इंसान कम्प्यूटर को अपने जीवन का हिस्सा बना रहे हैं. कम्प्यूटर की कुछ खास विशेषताएँ निम्न हैं.

गति 

  • कम्प्यूटर बहुत तेज गति से कार्य करता हैं.
  • यह लाखों निर्देशों को केवल एक सैकण्ड में ही संसाधित कर सकता हैं.
  • इसकी डाटा संसाधित करने की गति को माइक्रोसैकण्ड (10–6), नैनोसैकण्ड (10-9) तथा पिकोसैकण्ड (10-12) में मापा जाता हैं.
  • आमतौर पर प्रोसेसर की एक युनिट की गति दसियों लाख निर्देश प्रति सैकण्ड यानि MIPS (Millions of Instructions Per Second)
  • इस मशीन का निर्माण ही तीव्र गति से कार्य करने के लिए किया गया हैं.

शुद्धता 

  • कम्प्यूटर GIGO (Garbage in Garbage Out) सिद्धांत पर कार्य करता हैं.
  • इसके द्वारा उत्पादित परिणाम त्रुटिहीन रहते हैं. अगर किसी परिणाम में कोई त्रुटि आती हैं तो वह इंसानी हस्तक्षेप तथा प्रविष्ट निर्देशों के आधार पर होती हैं.
  • इसके परिणामों की शुद्धता मानव परिणामों की तुलना में बहुत ज्यादा होती हैं.

परिश्रमी 

  • कम्प्यूटर एक थकान मुक्त और मेहनती मशीन हैं.
  • यह बिना रुके, थके और बोरियत माने बगैर अपना कार्य सुचारु रूप से समान शुद्धता के साथ कर सकता हैं.
  • यह पहले और आखिरी निर्देश को समान एकाग्रता, ध्यान, मेहनत और शुद्धता से पूरा करता हैं.

बहुप्रतिभा 

  • कम्प्यूटर एक बहु-उद्देश्य मशीन हैं.
  • यह गणना करने के अलावा अनेक उपयोगी कार्य करने में सक्षम होता हैं.
  • इसके द्वारा हम टाइपिंग, दस्तावेज, रिपोर्ट, ग्राफिक, विडियों, ईमेल आदि सभी जरूरी काम कर सकते है

स्वचालित 

  • यह एक स्वचालित मशीन भी हैं.
  • यह बहुत सारे कार्यों को बिना इंसानी हस्तक्षेप के पूरा कर सकता हैं.
  • स्वचालितता इसकी बहुत बडी खूबी हैं.

संप्रेषण 

  • एक कम्प्यूटर मशीन अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसों से भी बात-चीत कर सकता हैं.
  • यह नेटवर्क के जरीए अपना डाटा का आदान-प्रदान एक-दूसरे को आसानी से कर सकते हैं.

भंडारण क्षमता 

  • कम्प्यूटर में बहुत विशाल मेमोरी होती हैं.
  • कम्प्यूटर मेमोरी में उत्पादित परिणाम, प्राप्त निर्देश, डाटा, सूचना अन्य सभी प्रकार के डाटा को विभिन्न रूपों में संचित किया जा सकता हैं.
  • भंडारन क्षमता के कारण कम्प्यूटर कार्य की दोहराव से बच जाता हैं.

विश्वसनीय 

  • यह एक भरोसेमंद और विश्वसनीय मशीन हैं.
  • इसका जीवन लंबा होता हैं.
  • इसके सहायक उपकरणों को आसानी से पलटा और रख-रखाव किया जा सकता हैं.

प्रकृति का दोस्त 

  • कम्प्यूटर अपना कार्य करने के लिए कागज का इस्तेमाल नहीं करता हैं.
  • डाटा का भंडारण करने के लिए भी कागजी दस्तावेज नहीं बनाने पडते हैं.
  • इसलिए कम्प्यूटर अप्रत्यक्ष रूप से प्रकृति के रक्षक होते हैं. और इससे लागत में भी कमी आती हैं.

कम्प्यूटर की सीमाएं 

कम्प्यूटर एक मशीन हैं जिसे अपना कार्य करने के लिए हम इंसानों पर निर्भर रहना पडता हैं. जब तक इसमे निर्द्श प्रविष्ट नहीं होंगे यह कोई परिणाम उत्पादित नहीं कर सकता हैं.

इसमें विवेक नहीं होता हैं. यह बुद्धिहीन मशीन हैं. इसमें सोचने-समझने की क्षमता नहीं होती हैं. मगर वर्तमान समय में कृत्रिम मेधा (Artificial Intelligence) के द्वारा कम्प्यूटरों को सोचने और तर्क करने योग्य क्षमता विकसित की जा रही हैं.

इसे काम करने के लिए साफ-सुथरे वातारण की जरुरत पडती हैं. क्योंकि धूल-भरी जगह पर इसकी कार्यक्षमता प्रभावित होती हैं. और यह कार्य करना बंद भी कर सकता हैं.

उम्मीद है कि आप को हमारी ये लेख कम्प्यूटर क्या हैं ( Computer kya hai ) पसंद आएगी धन्यवाद।


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Richa Raj

अपनी आँखो😍 में एक 👆🏼सपना 🙇🏼‍♀️ बसालो और उस सपने 😌को पूरा करने में अपनी 🥰जी जान लगा लो❤️पेशे से वकील👩🏻‍⚖️📝 दिल ♥️से लेखक✍🏻सपना है एक बनना है ब्लॉगर 👈🏼लिखती हूँ दिल से मेरे ब्लॉग सिर्फ़ शब्द नहीं विचार है मेरे😇 हूँ मैं बिहार🤗से लेकिन मेरे सपने छोटें नहीं बुलंद है हौसला बस साथ चाहिए आप सभी की फिर दूर नहीं मंज़िल😊

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