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कंप्यूटर का आविष्कार किसने किया | Computer ka Avishkar kisne kiya.

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हेलो दोस्तों, हमारे इस आर्टिकल में हम आज बात करेगे कंप्यूटर का आविष्कार किसने किया ( Computer ka Avishkar kisne kiya )

आप सभी को कंप्यूटर चलाना तो आता ही होगा। स्कूल के पहली कक्षा के बच्चो को कक्षा पहली से ही कंप्यूटर विषय का ज्ञान आज के आधुनिक काल में दिया जा रहा है। हमारे बच्चे पहली कक्षा से ही कंप्यूटर को आजमाना सिख गए है, बच्चे हो या बड़े सब इस कोरोना काल में सबसे ज्यादा कंप्यूटर या लैपटॉप्स का उपयोग कर रहे है। सारे विषय के ऑनलाइन क्लासेज बच्चो को, सारे मीटिंग्स बड़ो के कंप्यूटर या लैपटॉप के जरिये हो रही है

कंप्यूटर ने आधुनिक टेक्नोलॉजी को पूरी तरह से बदल दी है। एनीमेशन , ग्राफ़िक्स, इंजीनियरिंग, मेडिकल, डिजाइनिंग, टीचिंग, आर्मी, प्राइवेट और सरकार कंपनियां आदि हर क्षेत्र कंप्यूटर के बिना अधूरा है। अभी के आधुनिक टेक्नोलॉजी में आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस कंप्यूटर का निवेश भी हो गया है जो अंतरीखा, मेडिकल साइंस विज्ञानं और बड़े प्रयोगशाला में काफी उपयोग हो रहे है। कंप्यूटर की प्रवृत्ति के साथ लैपटॉप्स , नोटबुक की प्रवृत्ति भी हो गई है। तो आज इस आर्टिकल मे हम आप यह बतायेगे की इस अद्भुत कंप्यूटर का आविष्कार किसने किया

कंप्यूटर क्या है

कंप्यूटर एक ऐसा यन्त्र है, जिसमे मनुष्य अपने अनुसार हर क्षेत्र की जानकारी कंप्यूटर में फीड करता है, और यह हमे हमारे निर्देशों का उसी प्रकार पालन करता है और हमारे कामो को संपन्न और सरल करता है। अगर कंप्यूटर की भाषा में इसका सारांश करना हो तो कंप्यूटर एक ऐसा इलेक्ट्रॉनिक यन्त्र है जिसमे यूजर इनपुट के जरिये दिए गई डाटा की प्रकिया करकर सूचनाओं को रिजल्ट के रूप में प्रदान करता है। इसमें डाटा को हम स्टोर, पुनः प्राप्त और प्रोसेस भी कर सकते है। कंप्यूटर किसी भी कार्य को करने के लिए चार प्रक्रिया करता है – इनपुट यानि यूजर से निर्देश लेना , प्रोसेसिंग यानि उस निर्देश को प्रोसेस करना, आउटपुट यानि उपर्युक्त रिजल्ट देना और आखिर में स्टोरेज यानि दिए गए डाटा को स्टोर करके रखना। कंप्यूटर के आतंरिक भाग को हम सॉफ्टवेयर कहते है और भौतिक यानि फिजिकल भाग को हार्डवेयर कहते है – हम हार्डवेयर भागो को हाथों से छू सकते है

कंप्यूटर के मुख्य पार्ट्स | Computer Parts in Hindi

मनुष्य के अंग के भागो की तरह कंप्यूटर में भी भाग यानि पार्ट्स है जिससे कंप्यूटर काम करता है – इसके हर पार्ट्स अलग अलग कार्य करता है और इसीसे कंप्यूटर का उपयोग कर पाते है। ये पार्ट्स या भाग है – मॉनिटर , CPU, कीबोर्ड, माउस।

मॉनिटर ( Monitors )

यह टीवी की तरह है जिसमे हम बैठकर देख सकते है, काम कर सकते है। आप जो भी लिखते है कोई भी प्रक्रिया करते है वो आपको मॉनिटर के डिस्प्ले के जरिये दीखता है।

CPU ( Central Processing Unit )

इसे हम पुरे शब्दों में सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट कहते है। इसे कंप्यूटर का मष्तिष्क कहाँ जाता है। CPU के जरिये ही यूजर के इंस्ट्रक्शंस को प्रोसेस करके हमे रिजल्ट प्रदान होता है। CPU में आपको मदरबॉर्ड, RAM , हार्ड डिस्क जैसे डिवाइस मौजूद जो कंप्यूटर का सारा डाटा प्रोसेस करते है।

कीबोर्ड ( Keyboard )

कीबोर्ड के जरिये हम इनपुट कर सकते है यानि लिखित रूपी डाटा कंप्यूटर को प्रदान करते है।

माउस ( Mouse )

यह भी कीबोर्ड की तरह इनपुट डिवाइस है। आपने मॉनिटर डिस्प्ले में पॉइंटर देखा होगा , उस पॉइंटर को आप माउस के जरिये ही ऑपरेट कर सकते है।

कंप्यूटर के कई प्रकारों का अविष्कार हो चूका है उनमे से आपको हम कुछ प्रकार बताएंगे : लैपटॉप , टेबलेट , नोटबुक – यह कंप्यूटर का नया प्रकरण है जिसमे आपको एक ही मॉनिटर मिलेगा जिसमे कीबोर्ड, माउस, CPU आतंरिक रूप से मौजूद है और आप इसे चार्ज करके अपने साथ कही भी ले जा सकते है।

कंप्यूटर का आविष्कार किसने किया | Computer ka Avishkar kisne kiya.

कंप्यूटर का आविष्कार सन 1822 में हुआ। चार्ल्स बैबेज नामक प्रसिद्द माथेमैटिशन ने इस यन्त्र का निर्माण किया और इन्हे फादर ऑफ़ कंप्यूटर कहा जाता है यानि कंप्यूटर का जनक। उनके प्रयोग में उन्होंने एक मैकेनिकल कंप्यूटर की डिज़ाइन बनाई जिसमे उन्होंने डिफरेंस इंजन यानि आटोमेटिक मैकेनिकल कैलकुलेटर को संचालित करके एक डिज़ाइन बनाई थी साल 1837 में जिसे बाद में उन्होंने कंप्यूटर का रूप दिया। इस कंप्यूटर का प्रोग्रामिंग उन्होंने मेमोरी और पंच कार्ड के जरिये किया , यह कंप्यूटर काफी विशाल थी। बाद में साल 1991 में , हेनरी बेबेज जो चार्ल्स बेबेज के बेटे थे उन्होंने इस कंप्यूटर में एक भाग को परिपूर्ण किया जो बेसिक कॅल्क्युलेशन्स में सक्षम था। इस आविष्कार के बाद कई विज्ञानो ने इस मशीन के प्रवृत्ति में जान लगा दी, और पीढ़ी दर पीढ़ी इस यन्त्र में समय के साथ आधुनिक विशेषताए जुड़ती गई।

कंप्यूटर का इतिहास ( पीढ़ियां )

computer के इतिहास के बारे मे हम आप यह starting से बतायेगे और सायद यह जानकारी आप के काफी मदत करगी

कंप्यूटर की प्रथम पीढ़ी साल 1940 – 1956

सबसे प्रथम कंप्यूटर ENIAC नाम से निर्माण हुआ साल 1940 में दो वैज्ञानिक जॉन मौच्ली और प्रेसपर एखनेट ने। इन कम्प्यूटर्स का निर्माण वैक्यूम तुबेस के जरिये बनाया गया और पंच कार्ड्स के जरिये इसे चलाया जाता था। इनमे मेमोरी के लिए मैग्नेटिक ड्रम और प्रोग्रामिंग के लिए मशीन लैंग्वेज का उपयोग किया गया। ENIAC के अलावा कुछ प्रथम कम्प्यूटर्स के नाम है -UNIVAC ,EDVAC

कंप्यूटर की द्वितीय पीढ़ी साल 1956 – 1963

इस पीढ़ी में ट्रांसिस्टर्स के आधार पर कंप्यूटर की प्रवृत्ति हुई। ट्रांसिस्टर्स ने वैक्यूम ट्यूब की जगह ली ,और यही कारण यह कम्प्यूटर्स की साइज़ काफी छोटी हो गई। इसमें भी पंच कार्ड्स का प्रयोग हुआ लेकिन प्रोग्रामिंग मशीन लैंग्वेज COBOL और फोरट्रान में परिवर्तित किया गया। इस पीढ़ी के मुख्य कम्प्यूटर्स है – IBM 1704, UNIVAC 1108, HONEYWELL 400।

कंप्यूटर की तृतीय पीढ़ी साल 1963 – 1971

इस पीढ़ी के कम्प्यूटर्स में काफी बदलाव लाए गए क्यूंकि इसमें इंटीग्रेटेड सर्किट का इस्तेमाल हुआ जिसके वजह से कंप्यूटर का साइज छोटा हो गया। इसमें बिजली बचत काफी हुई और इसी पीढ़ी से कीबोर्ड और माउस का उपयोग होना शुरू हुआ। इस यन्त्र ऑपरेटिंग सिस्टम , कई नए प्रोग्रामिंग मशीन लैंग्वेजेज की प्रवृत्ति हुई। इस पीढ़ी के मुख्य कम्प्यूटर्स थे : ICL 2900 ,TDC 316 ,PDP आदि।

कंप्यूटर की चौथी पीढ़ी साल 1971 – 1980

इस पीढ़ी में चिप्स का उपयोग किया जाने लगा जहां चिप में हज़ारो ट्रांसिस्टर्स और इलेक्ट्रॉनिकस को संमिलित किया गया। लार्ज इंटीग्रेटेड सर्किट्स का इस्तेमाल हुआ और कम्प्यूटर्स में बिजली की बचत के साथ साथ सस्ती भी हो गई। इसी पीढ़ी में उच्च तकनिकी वाले मशीन लैंग्वेज का निर्माण हुआ जैसे C, C ++ आदि। चौथी पीढ़ी के कुछ प्रमुख कम्प्यूटर्स – स्टार 1000, IBM 4341, PDP 11 आदि।

कंप्यूटर की पांचवी पीढ़ी साल 1980 से अभी तक

इस पीढ़ी में माइक्रोप्रोसेसर चिप का इस्तेमाल हुआ। यह चिप में इलेक्ट्रॉनिक, ट्रांसमिटर्स को एकाग्रित कर इसमें काफी बदलाव लाए गए , ईसिस वजह से यह कंप्यूटर एक छोटे डिब्बे के साइज़ का बन गया। यह कम्प्यूटर्स अल्ट्रा लार्ज स्केल इंटीग्रेशन तकनीक पर आधारित है इसलिए इसके प्रोग्राम्स और प्रोसेसिंग काफी गति से चलती है, इस पीढ़ी को हम फ़ास्ट कम्प्यूटर्स भी कहते है। इस पीढ़ी के कुछ प्रमुख कम्प्यूटर्स है – लैपटॉप, नोटबुक, माइक्रोसॉफ्ट

भारत में कम्प्यूटर्स का स्थापित कहा हुआ

साल 1952 में द्विजीश दत्ता द्वारा कोलकत्ता शहर के विज्ञानं संसथान में पहला कंप्यूटर स्थापित किया गया।

भारत का सबसे पहला कंप्यूटर दो संस्थाए भारतीय सांख्यिकी और जादवपुर यूनिवर्सिटी द्वारा मिलकर पहला कंप्यूटर बनाया जिसका नाम रखा गया ISIJU। इसमें वैक्यूम ट्यूब की जगह ट्रांजिस्टर का इस्तेमाल किया गया। लेकिन साल १९५६ में डिजिटल कंप्यूटर को पहला इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर माना जाता है। यह यन्त्र का उपयोग उस समय सिर्फ विकसित देश ही कर रहे थे , ऐसे में यह टेक्नोलॉजी जापान के बाद भारत में किया गया.

भारत का सुपर कंप्यूटर कब बना

सेण्टर फॉर डेवलपमेंट ऑफ़ एडवांस्ड कंप्यूटिंग के विशेषज्ञों ने सामान्य कम्प्यूटर्स की डिज़ाइन से प्रेरित होकर एक नै टेक्नोलॉजी का अविष्कार किया और उस कंप्यूटर का नाम रखा गया PARAM 8000। यह कंप्यूटर नहीं सुपर कंप्यूटर घोषित किया गया क्यूंकि इसमें नै टेक्नोलॉजी जैसे रोबॉटिंग के विशेषताए थी। इसका डिजाइनिंग किया गया विजय पि भटकर ने जो एक आर्किटेक्ट थे। यह मशीन का अविष्कार साल 1981 से 1998 में हुआ अलग अलग नामों से जैसे परम 1000 साल 1991 में और परम 10000 साल 1998 में।

साल 2000 के बाद कम्प्यूटर्स की जगह अल्ट्राबुक और लैपटॉप ने ले लिया जो कंप्यूटर की ही उच्च प्रवृत्ति है – आज के समय में दो ऑपरेटिंग सिस्टम का काफी इस्तेमाल हो रही है – एक हे विंडोज और दूसरा मैक। इस कम्प्यूटर्स को आप कही भी ले जा सकते है।

निष्कर्ष

हमारे इस आर्टिकल में आपने कम्प्यूटर्स के बारे में जाना – कंप्यूटर क्या है। कंप्यूटर के प्रकार। कंप्यूटर का आविष्कार किसने किया । कंप्यूटर का इतिहास । कंप्यूटर का भारत में अविष्कार और स्थापना।

कंप्यूटर के इस्तेमाल से हर कोई इस कोरोना काल में भी अपने घर बैठे ही काम कर पा रहा है, इस आविष्कार ने मनुष्य को नए ग्रहो की खोज और रोबोट की विज्ञानं से जोड़ा है। आज हम इस यन्त्र के माध्यम से न ही भौतिक विज्ञानं में चमत्कार कर रहे है बल्कि मेडिकल साइंस में भी काफी तरक्की कर रहे है।

हमारी इस आर्टिकल में हमारे साथ अंत तक बने रहने के लिए धन्यवाद्। आशा है आपको हमारा आर्टिकल काफी रोचक लगा हो और इसी तरह आपको हम दुनिया के खबरों की पुष्टि देते रहेंगे।


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sona arumugam

मेरा नाम सोना अरुमुगम है , पेशे से इंजीनियर👩‍💻 दिल से लेखक हुँ।❤✍ मेरे ब्लॉग सिर्फ शब्द नहीं हैं वो मेरे विचार हैं📖💫 मैं सुरत शहर से ताल्लुक रखती हूं ।

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