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कार का आविष्कार किसने किया और कब किया ?

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हेलो दोस्तों, हमारे Hindi Top वेबसाइट पर आपका स्वागत है। हमारे आर्टिकल में हम आपको “कार का आविष्कार किसने किया ” इसकी जानकारी आज बताएंगे। कार एक ऐसा वाहन है जो आज के आधुनिक काल में लोगो की मूल जरुरत हो गई है। हर कोई इस वाहन में सफर कर रहा है या घूमना चाहता है।

हम हर रोज़ सड़क पर अलग अलग कारें देखते है जिसमे सफर करना काफी आरामदायक और फायदेमंद होता है। कार में आपको कई प्रकार की सुविधाए मिलेंगी जो की दूसरे साधन यानि बस, ट्रैन, मोटरबाइक में नहीं मिलेंगी। भले ही इसमें केवल 4 या 6 लोग सफर करते हो पर कार में आप आराम से पास या थोड़ी दुरी तक आ जा सकते है। अपनी कार खरीदने के लिए काफी लोग इस मोटर मशीन को प्रमुख साधन की कल्पना करते है और उसे पाना चाहते है।

जब हम कहीं बाहर घूमने या काम पर निकलते है तो हमे गर्मी, बारिश, ठंडी से बचने में काफी परेशानी होती है लेकिन अगर हमारे पास कार है तो हम गर्मी में एयर कंडीशन चला लेते है, बारिश में भी कार के अंदर हम काफी आराम से रहते है। यह सुविधा हमे दूसरी वाहन में नहीं मिल पाती। चलिए अब जानते हे की इस आरामदायक वाहन कार के अविष्कारक कौन है।

मोटर गाडी यानि कार से पहले किसका प्रयोग होता था ?

जब मोटर गाडी नहीं बानी थी तब लोगो के पास यातायात के लिए घोड़ागाड़ी और बैलगाड़ी होती थी। इन गाड़ियों में जानवरो को पहिये से बाँधा जाता था और पीछे के तरफ लोगो को बैठने का साधन था। यह गाड़िया काफी सालों तक उपयोग में आई लेकिन यह गाड़ियां लोगो को सफर करने में काफी वक़्त लगता था और असुरक्षित भी था।

कार का आविष्कार किसने किया ? | Car ka Avishkar kisne kiya

कार का आविष्कार जर्मन के इंजन इंजीनियर व ऑटोमेटिव इंजीनियर कार्ल फ्रेड्रिच बेंज ने साल 1855 में किया था। इन्होने सबसे पहले 3 पहियों वाली मोटर गाडी का आविष्कार किया जिसका नाम उन्होंने मोटर वैगन रखा था।

मोटर गाडी का इतिहास ?

साल 1763 में फ्रांस में स्थित एक इंजीनियर ने यात्रा में काफी समय लगने और काफी कठिनाईओं के बाद एक ऐसी गाडी बनाने का निश्चय किया जो हमारा प्रवास व यात्रा सफल करदे। इस इंजीनियर का नाम था अगस्त निकोलस , इन्होने साल 1763 में गाडी तैयार की। इन्होने एक गाडी बनाई जिसमे इन्होने इंजन लगाया था लेकिन यह गाडी भाप के शक्ति से चलती थी और काफी भारी थी।

यह गाडी की मोटर भाप पर चलने के कारण इसमें पानी डालना पड़ता था और जब पानी मोटर चलने पर भाप बनकर उड़ जाता, तब उसमे बार बार पानी भरना पड़ता था। इसी कारण यह मोटर गाडी सिर्फ ढाई मिल प्रति घंटा चलती थी। यह मोटर गाडी से प्रेरित होकर कई वैज्ञानिको व इंजीनियर ने कई प्रकार के मोटर गाडी बनाने में प्रयोग करना चालू कर दिया। साल 1770 में , एक और मोटर बनाई गई जो पेट्रोल से चलती थी। यह मोटर गाडी टांगे गाडी जैसे दिखती थी।

इसके बाद साल 1870 में जर्मनी के इंजीनियर ने पहला मोटर गाडी बनवायी। इनकी मोटर गाडी तीन पहियों वाली ट्राइसाइकल बनवाई और अपनी एक कंपनी की स्थापना की और इस कंपनी का नाम बेंज़ एंड कंपनी रखा। इस इंजन मोटर गाडी में विद्युत् से ज्वलन क्रिया होती थी और इंजन को पानी से ठंडा किया जाता था। इसी मोटर गाडी पहली सफल इंजन मोटर गाडी बनी और यही से मोटर गाडी का आगमन हुआ और यह गाडी में , जर्मनी के इंजीनियर डेल्मर ने पेट्रोल से बनी मोटर गाडी में काफी सुधार लाइ। इस मोटर में इन्होने आवाज में सुधार और गति को काफी बढ़ा दी। यह मोटर गाडी पंद्रह किलोमीटर पर घंटे चलती थी।

कुछ समय बाद साल 1888 के आस पास अमेरिका के जॉन दुनलॉप नाम के अविष्कारक जो वैसे तो पशु चिकित्सक थे उन्होंने मोटर गाड़ियों के पहियों में बदलाव लाइ। उस समय मोटर गाडी की पहिया या तो लकड़ी या फिर लोहे की बनी होती थी जिस वजह से यह ज़मीन पर काफी घिसी जाती थी। जॉन ने पहियों में रबर ट्यूब का इस्तेमाल किया , इस रबर ट्यूब में हवा भरा जाता था और इसी चलते पहला रबर ट्यूब वाला टायर मोटर गाडी में लगाया गया था।

बाद में साल 1890 में टायर कंपनी की स्थापना की गई और इस कंपनी को आरंभ किया बेल्ल फ़ास्ट नामक आदमी ने और यही से टायर वाली कार का मार्किट में प्रवेश हो गया।

साल 1890 में अमेरिका के हेनरी फोर्ड नामक उद्योगपति ने टी कार मॉडल की मोटर कार मार्किट में उतारी लेकिन यह गाड़ियां ज्यादा बिक नहीं पाई क्यूंकि यह काफी महंगी गाडी थी। यह देखकर फोर्ड को अंदाजा आ गया की कार जैसे वाहन का अगर आम जनता उपयोग करती है तो उन्हें अपने कंपनी के जरिये ऐसे मोटर गाड़िया मार्किट में लानी पड़ेगी जो आम जनता खरीद सके। और फिर साल 1915 में फोर्ड ने अपने नाम से मोटर गाड़िया उतारी और फिर क्या इसके बाद दोबारा पीछे मुड़कर देखा नहीं गया। इसके बाद मोटर कार काफी सफल हुई।

भारत में सबसे पहले कार कभी आई

भारत में सबसे पहले साल 1897 में कोलकत्ता के मिस्टर फोस्टर के मल्लिक क्रोपटन ग्रिवेर ने पहली कार खरीदी और चलाई थी।

दुनिया की सबसे महंगी कार कोनसी है

मशहूर कंपनी रोल्स रॉयस ने दुनिया की सबसे महंगी कार हाल ही में लांच की है और इस कार का नाम है बोट टेल जिसकी कीमत है लगभग 20 मिलियन पाउंड्स है।

कार का आविष्कार ने इस आधुनिक काल को इतना बदल दिया है की लोगो को कार लेना एक सपना ही लगता है क्यूंकि चाहे माध्यम वर्ग का इंसान हो उसे भी सामान्य कार लेने का इच्छा होता है और चाहे आमिर इंसान हो वह भी महंगी कार लेने की इच्छा रखता है। आज के समय में कार इतना चर्चित विषय है लोग इसकी सुविधा को पाना चाहते है। यही निष्कर्ष रखते हुए हमारे आर्टिकल को हम पूर्ण करते है।

निष्कर्ष [ Car ka Avishkar kisne kiya ]

हमारे इस आर्टिकल को अंत तक पड़ने के लिए धन्यवाद्। हमें आशा है आपको हमारी यह आर्टिकल कार का आविष्कार से काफी लाभ हुआ हो। इसी तरह हमारे Hindi Top आर्टिकल के साथ जुड़े रहिये और हम आपके लिए इसी तरह के नए नए आर्टिकल्स ले आएँगे। अगर आपका कोई सुज़हाव हे तो हमसे जरूर शेयर करिये।


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sona arumugam

मेरा नाम सोना अरुमुगम है , पेशे से इंजीनियर👩‍💻 दिल से लेखक हुँ।❤✍ मेरे ब्लॉग सिर्फ शब्द नहीं हैं वो मेरे विचार हैं📖💫 मैं सुरत शहर से ताल्लुक रखती हूं ।

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