अमेरिका में कितना टाइम हो रहा है, किसी भी देश का टाइम कैसे पता करे

हम सभी लोग जानते हैं की अगर भारत में दिन हैं तो बाहर यानी विदेश में रात होगी और ये तो लगभग सभी लोग जानते हैं, क्योंकि हमारी पृथ्वी अपनी ही धूरी पर घूमती हुई सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाती हैं और जैसे जैसे पृथ्वी घूमती है तो उस हिसाब से दिन और रात होता हैं, वैसे इससे एक बात और आपके मन में आ रही हों, समय को लेकर की जब भारत में समय कुछ और हो रहा होगा और रात में कुछ और तो इसके बारे में समय कैसे जानना जा सकता हैं, तो इसके बारे में जानने के लिए आपको ये आर्टिकल पढ़ना पढ़ेगा क्योंकि आज के आर्टिकल में आपको यही जानकारी मिलेगी की कैसे आप किसी भी देश के टाइम (Time) यानी समय के बारे में पता कर सकते हैं जैसे अमेरिका में कितना टाइम हो रहा है ।
टाइम को समझने से पहले आपको ये समझने की जरूरत हैं कि ये जो जो देशों के बीज टाइम यानी समय अंतर वो किस वजह से हैं। जानते हैं इस तकनीक के पीछे जो है उसे टाइम जोन कहा जाता हैं और ये 18वीं शताब्दी के बाद से चला आ रहा हैं और ये 18वीं सदी से पहले दुनिया भर में सूर्य घड़ी यानी सन क्लॉक (sun clock) को देखकर समय देखा जाता और मिलाया जाता था। इसके कुछ समय के बाद सर सेंडफोर्ड फ्लोमिंग (send ford floming) ne 1884 में टाइम जॉन को बनाया था।जिसके बाद से दुनिया भर के समय को सही मिल गया।
पृथ्वि सूर्य की परिक्रमा
ऐसे ही एक बात जो आपको जरूर समझनी चाहिए की हम सब जानते हैं, कि पृथ्वि सूर्य की परिक्रमा करती हैं। तो जब भारत में सूर्य उदय होता है, तो उसी समय पृथ्वी के किसी दूसरे हिस्से में अंधेरा हो जाता हैं। इस प्रकार पृथ्वी के किसी हिस्से में सूरज की तिरछी किरणें पड़ती है तो कही पर सीधी किरणें पड़ती हैं, इसीलिए जब किसी जगह में दोपहर का समय होता है तो वोही किसी जगह स्थान में शाम, लेकिन जब हम दुनियाभर की घड़ियों को एक ही समय में कर देंगे तो ये गलत हो जायेगा, जैसे की अगर पृथ्वि के किसी कोने में सुबह के 5 बजे होंगे तो किसी जगह शाम के, अब इस समस्या को हल करने के लिए ही समय में देशांश रेखाओं के आधार पर क्षेत्रीय समय बनाया गया।
दुनिया के नक्शे को देशांश रेखाओं के आधार पर प्रत्येक 15 अंश के अंतर में 24 अंश के बराबर, काल्पनिक हिस्सों में बांटा गया इसकी शुरुआत शून्य यानी 0 अंश से हुई है। (0 यह शून्य अंश वाली रेखा इंग्लैंड के ग्रीनविच में स्थित वेधशाला से शुरू होती हैं और बस टाइम यानी समय की गणना यही से शुरू हो जाती हैं।इसे अंतरराष्ट्रीय मानक समय या ग्रीनविच मीन टाइम के नाम से भी जाना जाता हैं। ऐसे में ग्रीनविच रेखा से दाहिनी यानी राइट हैण्ड की ओर वाले देशों के समय आगे होते हैं और इसके बाई यानी लेफ्ट साइड वाले देशों का समय पीछे होता हैं। इसी लिए अपने जब भी अन्य देशों के टाइम के बारे सर्च किया होगा तो जीएमटी ( GMT) लिख कर आता होगा, क्यों कि जीएमटी का ही मतलब होता हैं “ग्रीनविच मीन टाइम”।
ऐसे ही हर हर देश का अपना मानक समय तय हुआ है। भारत में यह रेखा प्रयागराज (इलाहबाद) के निकट नैनी से गुजरती हैं। यही से भारत का राष्ट्रीय मानक समय माना जाता है। भारत का मानक समय ग्रीनविच रेखा से 82.5° अंश राइट साइड की तरफ हैं, जिसका ये मतलब हुआ कि भारत का मानक ग्रीनविच के मानक समय से साढ़े पांच घंटे आगे है। यानी जब यानि जब ग्रीनविच रेखा के पास रात के 12 बजे होंगे तो भारत में सुबह के 5.30 बजे होंगे।
तो अब कभी अगर आप विदेश यात्रा पर जाएं तो पॉसिबल है कि भारतीय समय के अनुसार एक दिन पहले निकले और जब वहां पहुंचेंगे तो एक दिन पुरानी तारीख हो जायेगी। इसी वजह से आपको अपनी वॉच यानी घड़ी दुबारा सेट करनी पड़ती हैं और जेटलेग के पीछे भी ये एक कारण हैं, समय के बीच का ये अंतर समझ जाने के बाद अब आपको काफी क्लियर हो गया होगा कि ऐसा क्यों होता है और टाइम जोन क्यों बनाया गया। तो अगली बार अपनी विदेश यात्रा पर जाने से पहले एक बार दोनों देशों के बीज के समय के अंतर को जरूर देखें।
इंग्लैंड और इंडिया के बीच कितना समय का अन्तर हैं
क्या आपको ये पता हैं कि भारत और इंग्लैंड के समय में लगभग साढ़े पांच घंटे का फर्क हैं। भारत समय के हिसाब से साढ़े पांच घंटे आगे चलता हैं यानि कि जब इंडिया में दोपहर के साढ़े दो यानी ढाई बजे होंगे तो इंग्लैंड में सुबह के 9 बजे रहे होंगे। इसी तरह अलग-अलग देश के मानक समय का अन्तर होता हैं।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग अलग टाइम जोन हैं
अगल अलग देशों में समय को किसी कठोर नियम के तौर पर नहीं बल्कि इसे लोगों की सुविधा के अनुसार भी निर्धारित किया जाता हैं।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देखा जाए तो पूरे विश्व में सबसे ज्यादा टाइम जोन फ्रांस में हैं यहां 12 टाइम जोन का प्रयोग होता हैं और अमेरिका में 9 टाइम जोन का । रूस में 11, ब्रिटेन में भी 9 और ऑस्ट्रेलिया में 8 जोन का प्रयोग होता हैं।
जब ऑस्ट्रेलिया के एक हिस्से में सुबह के 5 बजते हैं तो उसी समय दूसरे हिस्से में सुबह के 11 बज चुके होते हैं।
एक छोटा सा देश डेनमार्क में 5 जोन हैं
टाइम जोन के प्रति एक आम भारतवासी के मन में यही छवि है कि यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जिसे बदला नहीं जा सकता हैं। इसी वजह से अक्सर कुछ नुक्सान भी हमें झेलने ही होते है जबकि ऐसा नही हैं।
निष्कर्ष
इस आर्टिकल में हम ने आप बताया कि अमेरिका में कितना टाइम हो रहा है और इसके अलावा सभी देशो के टाइम कैसे पता कर सकते है आप को हमारा यह आर्टिकल कैसा लगा हम को कमेंट कर के जरुरु बताये